इन बिल्डरोंं से वापस ले लें रुपया, इनकी टाउनशिप पर लगी है रोक Lucknow news
बिल्डर के न काटें चक्कर रेरा आपको देगा 60 दिनों में न्याय। प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों के जवाब में बोले रेरा के सलाहकार मणि प्रसाद मिश्र।
लखनऊ, जेएनएन। बिल्डर ने तय समय पर आशियाना नहीं दिया हो या आपका रुपया वापस न मिल रहा हो, रीयल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी (रेरा) में शिकायत करें। आपको 60 दिनों के भीतर न्याय मिलेगा। ये शिकायत करने के लिए आपको कहीं जाने की भी जरूरत नहीं है। घर बैठे यूपी रेरा की वेबसाइट पर जाकर शिकायत की जा सकती है। मगर ऑनलाइन शिकायत करने के लिए बिल्डर का पंजीकरण रेरा में जरूर होना चाहिए।
रेरा में पंजीकरण न होने की दशा में शिकायत ऑफ लाइन लखनऊ या ग्रेटर नोएडा कार्यालय में भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि छोटा हो या बड़ा बिल्डर रेरा किसी को भी नहीं बख्शेगा। ये जानकारी यूपी रेरा के सलाहकार सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी मणि प्रसाद मिश्र ने बुधवार को दी। मणि प्रसाद मिश्र दैनिक जागरण लखनऊ के कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर कार्यक्रम में पाठकों के रेरा से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे।
केडीए की जवाहरपुरम योजना में सैकड़ों फंसे
कानपुर से राजेश कुमार सिंह, दीपक कुमार मिश्र सहित कुछ अन्य लोगों ने केडीए की जवाहरपुरम योजना में भूखंड पर कब्जा न मिलने की शिकायत की। इस योजना में किसानों के साथ विवाद होने की वजह से भूखंड नहीं मिल रहे हैं। जिस पर मणि प्रसाद मिश्र ने उनको सलाह दी कि वे लोग मिल कर रेरा चेयरमैन या उनसे मुलाकात कर लें ताकि उनको समय पर न्याय मिल सके।
बिल्डर न रुपया दे रहा और न ही प्लाट तो करें FIR
मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि जिन केसों में बिल्डर रेरा रजिस्टर्ड नहीं है। न रुपया दे रहा है और न ही उसके पास भूखंड है, उस पर पुलिस केस करना बेहतर विकल्प होगा। जिस इलाके में प्लाट देने का वादा किया हो वहां पर ही मुकदमा दायर करें।
गंगा किनारे प्लॉट का न करें इंतजार, रुपया वापस लें
प्रयागराज की एक निजी हाइटेक टाउनशिप में गंगा किनारे प्लॉट को लेकर हाईकोर्ट से रोक लगी है। जिसको लेकर मणिप्रसाद मिश्र ने पाठकों को बताया कि अपना रुपया बिल्डर से वापस ले लें।
आगरा के कल्पतरु बिल्डटेक में नहीं मिल रहे फ्लैट
आगरा से एसके गुप्ता और कई अन्य लोगों की शिकायतें आईं कि उनको कल्पतरु बिल्डर से फ्लैट नहीं मिल पा रहे हैं। वे क्या करें। जिस पर मिश्र ने उनको पुलिस केस करने की सलाह दी।
सवाल : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बुक करवाया था, न फ्लैट मिला न रुपया वापस हो रहा है।
संजय राजपाल कानपुर, अंशुमान वाराणसी, श्रतुकांत ग्रेटर नोएडा, अशोक कुमार कौशिक उन्नाव, सीपी गुप्ता देवरिया
जवाब : आप सब रेरा में शिकायत कर दें। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में गामा टू सेक्टर में रेरा आफिस है। जहां आपके केसों की सुनवाई होगी। 60 दिनों में न्याय मिलेगा।
सवाल - रोहतास क्रिसेंट लखनऊ पर कंपनी एक्ट ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध लगने से क्या असर पड़ेगा?
मनोज सिंह, लखनऊ
जवाब - आप बिल्कुल भी चिंता न करें। कोई असर नहीं पड़ेगा। रेरा के आदेश कंपनी एक्ट ट्रिब्यूनल के आदेश से पहले किया जा चुका था। सभी वैध निवेशकों को उनका भूखंड मिलेगा। किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
सवाल - रेरा ने बिल्डर को आरसी काटी है। मगर अब तक भुगतान नहीं हो सका है। 45 दिन बीत गए हैं।
भारतभूषण सक्सेना, बरेली, दूधनाथ यादव, गोरखपुर
जवाब - 45 दिन बीत गए हैं तो आप एक बार फिर से प्रार्थना पत्र दें। जिलाधिकारी के माध्यम से बिल्डर को वसूली नोटिस दिया जाता है। ये धन आवंटी के अकाउंट में आता है। जल्द प्रक्रिया पूरी होगी।
सवाल - बिल्डर आम लोगों की खून पसीने की कमाई लूट रहे हैं। रेरा केवल छोटे बिल्डरों पर ही सख्ती क्यों करता है। शिवकुमार राठौर, फीरोजाबाद
जवाब : ये कानून बहुत कठोर है। बिल्डर छोटा हो या बड़ा, 60 दिन में निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
सवाल - निजी कंपनी में न फ्लैट मिला और न रुपया वापस मिल रहा है। पंकज गुप्ता, लखनऊ
जवाब - प्रोजेक्ट अगर रेरा रजिस्टर्ड नहीं है तो उसकी शिकायत सुनी जा सकती है मगर इसमें बेहतर तरीका ये है कि बिल्डर पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया जाए।
सवाल : गृह वाटिका नाम की कंपनी ने वाराणसी में प्लाट बुकिंग की थी, मगर अब आफिस बंद कर दिया है।
विदित नारायण, मिर्जापुर
जवाब : अगर आपकी बात सत्य है तो ऐसी कंपनी पर धोखाधड़ी का मुकदमा करवाया जा सकता है।
सवाल : प्लाट या फ्लैट खरीदते समय क्या क्या सावधानियां बरती जाएं। श्याम प्रकाश, वाराणसी
जवाब : सबसे पहले ये देखना चाहिए कि प्रोजेक्ट रेरा रजिस्टर्ड है कि नहीं। इसके बाद संबंधित प्राधिकरण का मानचित्र पास है कि नहीं ये भी देखने वाली बात है। रेरा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट की सूची यूपी रेरा की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
सवाल : क्या अवध विहार योजना लखनऊ आवास विकास परिषद रेरा रजिस्टर्ड है। प्रदीप श्रीवास्तव, देवरिया
जवाब : जी हां, प्रोजेक्ट पंजीकृत है। इससे संबंधित शिकायतें सुनी जाएंगी।
सवाल : यूपीएसआईडीसी ट्रांस गंगा सिटी को रेरा रजिस्टर्ड नहीं करवा रहा है। दीपक द्विवेदी, कानपुर
जवाब : रेरा में कार्यवाही जारी है। सरकारी एजेंसी हो या निजी बिल्डर कोई भी नहीं बचेगा। सबको जद में लाया जाएगा।