COVID-19 Medicine Shortage: अभी भी बाजार में नहीं आई रेमडेसिविर, कोरोना उपचार की अन्य दवाएं भी गायब
गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज महत्वपूर्ण दवा रेमडेसिविर दो हफ्ते गुजर जाने के बाद भी दोबारा बाजार में नहीं आई है। इधर कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाएं भी बाजारों से लगातार गायब होने लगी हैं। ऐसे में मरीजों के इलाज पर संकट पैदा हो गया है।
लखनऊ, जेएनएन। गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज महत्वपूर्ण दवा रेमडेसिविर दो हफ्ते गुजर जाने के बाद भी दोबारा बाजार में नहीं आई है। इधर कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाएं भी बाजारों से लगातार गायब होने लगी हैं। ऐसे में मरीजों के इलाज पर संकट पैदा हो गया है। फेफड़ों के संक्रमण में रेमडेसिविर सबसे कारगर है। वहीं टेमीफ्ल्यू, फैबिफ्लू, टेसलिजुमेब, आइवरमेक्टिन समय विटामिन सी और विटामिन डी, जिंक पैरासिटामोल एजिथ्रोमायसिन की गोलियों की उपलब्धता भी कम हो गई है। इस वक्त इन दवाओं की बाजार में भारी मांग है।
ड्रग विभाग ने दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए अब सिर्फ मरीजों को डॉक्टर द्वारा लिखे गए प्रिसक्रिप्शन व आधार कार्ड के साथ ही इन दवाओं को उपलब्ध करवा रहे हैं। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह और लोहिया संस्थान के प्रवक्ता श्रीकेश सिंह ने कहा कि बाहर का उन्हें नहीं पता लेकिन उनके अस्पताल में इन दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। पूर्व में आइसीएमआर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य दवाओं के कोरोना मरीजों के उपयोग पर रोग लगा दी थी। जिसके बाद कम्पनियों ने बनाना कम दिया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते इनकी मांग फिर बढ़ने लगी। उधर बाजार में उपलब्ध दवाएं 21 मार्च तक एक्सपायरी हो रही थी। इसलिए उन्हें कंपनियों ने वापस ले लिया। नया स्टॉक आने में समय लग रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर दवाओं की कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। सबको डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर ही दवा देने को कहा गया है।