उत्तर प्रदेश में विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के आवंटियों को दंड ब्याज से राहत
पहली मार्च से 31 अगस्त तक देय धनराशि को समय से न जमा कर पाने वाले विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के आवंटियों को इस अवधि के लिए दंड ब्याज नहीं देना पड़ेगा।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते वित्तीय संकट से जूझ रहे विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के आवंटियों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है। पहली मार्च से 31 अगस्त तक देय धनराशि को समय से न जमा कर पाने वाले आवंटियों को इस अवधि के लिए दंड ब्याज नहीं देना पड़ेगा। दंड ब्याज से छूट पाने के लिए आवंटियों को देय धनराशि 30 सितंबर तक जमा करनी होगी।
प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर घोषित आर्थिक पैकेज के क्रम में भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्रीय शहरी कार्य के आदेश पर सूबे के विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की संपत्तियों के सापेक्ष देयता के संबंध में राज्य सरकार ने आवंटियों को राहत देने का फैसला किया है। इस संबंध में जारी आदेश के मुताबिक पहली मार्च से 31 अगस्त तक की अवधि में आवंटियों द्वारा देयों के भुगतान न करने पर उनसे कोई दंड ब्याज नहीं लिया जाएगा, बशर्ते उसे 30 सितंबर तक जमा कर दिया जाए। इस अवधि में देय किश्तों या एकमुश्त धनराशि की वसूली संबंधित विकास प्राधिकरण या परिषद की सामान्य ब्याजदर सहित की जाएगी।
इसी तरह आवासीय या व्यावसायिक संपत्तियों के आवंटन में देय धनराशि 45 या 60 दिन में एकमुश्त जमा करने पर मिलने वाली छूट भी इस अवधि में मिल सकेगी, क्योंकि दिनों की गणना में पहली मार्च से 31 अगस्त तक की अवधि को अब शामिल नहीं किया जाएगा। प्रमुख सचिव का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सरकार द्वारा दी गई राहत से अनुबंध आदि की शर्तों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। वे सब यथावत बनी रहेंगी।