UP सरकार के तीन साल: नया कलेवर धारण कर रही रामनगरी, 2000 करोड़ की योजनाओं से कायाकल्प
UP सरकार के तीन साल तीन वर्ष पूर्व योगी सरकार की ताजपोशी के साथ अयोध्या के नए युग का हुआ आरंभ।
अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। रामनगरी की संभावनाओं के स्वर्णिम सफर का शिखर भले ही गत वर्ष नौ नवंबर को रामलला के हक में आए सुप्रीम फैसले से हुआ हो, पर इस सफर का आगाज तीन वर्ष पूर्व प्रदेश में योगी सरकार की ताजपोशी के साथ हो गया था। रामनगरी के कायाकल्प की मुहिम में योगी सरकार के साथ केंद्र की मोदी सरकार भी पूरी तत्परता से भागीदार रही है।
इस अवधि में अयोध्या करीब दो हजार करोड़ की राशि की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नया कलेवर ग्रहण कर रही है। एक ओर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियां चल रही हैं, दूसरी ओर रामनगरी को सच्जित करने की अनेक योजनाएं आकार ले रही हैं। इस क्रम में सर्वाधिक अहम दुनिया के सबसे ऊंचे स्टेच्यू के रूप में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की परियोजना है। इस योजना के तहत रामनगरी के पूर्वी छोर पर माझा बरहटा में दो सौ एकड़ भूमि चिह्न्ति कर ली गई है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट के अतंर्गत भूमि क्रय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने 436 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और सौ करोड़ से अधिक राशि जिलाधिकारी के खाते में आ भी चुकी है।
जिन अन्य परियोजनाओं से रामनगरी की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक-पौराणिक गरिमा से न्याय होगा, उसमें श्री राम एयरपोर्ट का विकास अहम है। श्रीराम एयरपोर्ट के लिए शहर से ही लगे धर्मपुर, गंजा, जनौरा आदि ग्राम सभाओं की 286 एकड़ भूमि अधिगृहीत की जा रही है। अब तक 70 फीसद भूमि का अधिग्रहण किया भी जा चुका है। एयरपोर्ट की जमीन के लिए ही 640 करोड़ की राशि स्वीकृत है। निर्माण होते-होते इसमें कई गुने का इजाफा होगा। अयोध्या रेलवे स्टेशन भी रामनगरी की सूरत संवारने में अहम होगा। 140 करोड़ की लागत से अयोध्या रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। रामनगरी की ओर प्राय: उमड़ने वाले आस्था के सैलाब को ध्यान में रखकर 50 करोड़ की लागत से यात्री प्रतीक्षालय निर्मित किया जा रहा है। स्टेशन के प्रथम चरण का कायाकल्प पूरा कर लिया गया है और दूसरे चरण के काम की रूपरेखा तय कर ली गई है। जनवरी 2021 तक यह काम पूरा किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। बस सेवा से भी रामनगरी का जुड़ाव पुख्ता किया जा रहा है। दशकों से प्रतीक्षित बस स्टेशन का निर्माण 15 करोड़ की लागत से पूरा होने को है। 52 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का कायाकल्प, 35.64 करोड़ से गुप्तारघाट का सुंदरीकरण, सवा सौ करोड़ की लागत से सीवर लाइन का विस्तार, 19.02 करोड़ की लागत से नयाघाट बंधा तिराहा पर भजन संध्या स्थल का निर्माण भी नगरी को उच्चीकृत करने वाली है।
राममंदिर तक बनेगा कॉरिडोर
रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ रामजन्मभूमि कॉरिडोर के माध्यम से सीधे हाइवे से जुड़ेगी। यह कॉरिडोर उपरिगामी मार्ग के रूप में बाईपास से निकलकर महोबरा बाजार और टेढ़ीबाजार से होते हुए रामजन्मभूमि परिसर से जुड़ेगा। इसकी अनुमानित लागत दो सौ करोड़ है। मंदिर निर्माण के बाद उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर सआदतगंज से नयाघाट तक 12.2 किलोमीटर तथा हनुमानगढ़ी चौराहा से रामघाट चौराहा होते हुए बाईपास मार्ग तक दो किलोमीटर लंबी सड़क का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा।
दीपोत्सव ने दी वैश्विक पहचान
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के ही वर्ष से रामनगरी में दीपोत्सव की परंपरा शुरू की। छोटी दीपावली के दिन होने वाला यह आयोजन प्रथम संस्करण से ही विश्व के सामने मिसाल के तौर पर पेश हुआ। एक साथ सर्वाधिक चार लाख 11 हजार दीप जलाए जाने का गिनीज बुक में रिकार्ड अयोध्या के दीपोत्सव के ही नाम दर्ज है। दीपोत्सव के मौके पर सांस्कृतिक आयोजन भी रामकथा की वैश्विकता को परिभाषित करने वाले होते हैं।
ये भी जानें
- 2000 करोड़ की योजनाएं
- 140 करोड़ की लागत से अयोध्या रेलवे स्टेशन
- 125 करोड़ की लागत से सीवर लाइन का विस्तार
- 35.64 करोड़ से गुप्तारघाट का सुंदरीकरण
- 640 करोड़ से एयरपोर्ट
- 19.02 करोड़ की लागत से नयाघाट बंधा तिराहा पर भजन संध्या स्थल का निर्माण
- 52 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का कायाकल्प