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Electricity News: नियामक आयोग का कड़ा रुख, कहा- बिजली कंपनियां तत्काल वापस करें उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली

ब‍िजली सामग्री के नामपर उपभोक्‍ताओं से अध‍िक वसूली करने के मामले में नियामक आयोग ने सख्‍त रुख अपनाते हुए बिजली कंपनिययों को फटकार लगाई है। आयोग ने कहा क‍ि कंपनियां तत्काल उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली की रकम वापस करें।

By JagranEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Tue, 27 Sep 2022 10:15 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 10:15 AM (IST)
Electricity News: नियामक आयोग का कड़ा रुख, कहा- बिजली कंपनियां तत्काल वापस करें उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली
Electricity News: बिजली कंपनियां तत्काल वापस करें उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली- आयोग

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बिजली उपभोक्ताओं से कनेक्शन के एवज में कास्ट डाटा बुक की दरों का उल्लंघन कर मनमानी वसूली को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया है कि उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली को तत्काल वापस किया जाए। पूरा पैसा वापस कर 21 अक्टूबर को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक के साथ ही सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को आयोग ने पूरे ब्योरे के साथ तलब किया है।

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उपभोक्‍ताओं से की गई 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली

  • कास्ट डाटा बुक की दरों का पालन न करने को आयोग रेगुलेटरी उल्लंघन मानते हुए दोषियों पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाने के अलावा उनके विरुद्ध तीन माह की सजा सुना सकता है। दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों द्वारा कास्ट डाटा बुक का उल्लंघन किए जाने का मामला उठाते हुए नियामक आयोग में सोमवार को अवमानना याचिका दाखिल की थी।
  • परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि कंपनियां ने आयोग द्वारा आठ जुलाई 2019 को बिजली के उपकरणों की दरों के संबंध में घोषित कास्ट डाटा बुक के बजाय अपने हिसाब से दरें तय कर नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं और किसानों से मनमानी एस्टीमेट के आधार पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की है।
  • इसे आयोग के आदेश के विरुद्ध एक वैधानिक उल्लंघन बताते हुए वर्मा ने विद्युत अधिनियम की धारा 142(जुर्माना) व 146(सजा) के तहत कंपनियों के प्रबंधन पर कार्यवाही करने के साथ ही उपभोक्ताओं से वसूली गई ज्यादा धनराशि को ब्याज सहित वापस कराए जाने का आदेश किए जाने को आयोग से कहा।
  • आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रकरण में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह की ओर से पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक के साथ ही पांचों बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक को धारा 142 का नोटिस जारी कर 21 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से आयोग में तलब किया गया है।
  • आयोग ने सभी बिजली कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे कास्ट डाटा बुक की दरों से ज्यादा की गई वसूली को तत्काल संबंधित उपभोक्ताओं को वापस करें। पूरी धनराशि की वापसी 21 अक्टूबर से पहले सुनिश्चित करने को कहा गया है। आयोग ने कंपनियों को जारी नोटिस में नाराजगी भरे लहजे में कहा है कि कास्ट डाटा बुक तो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का एक कानून है।
  • कास्ट डाटा बुक का उल्लंघन रेगुलेटरी प्रोसेस के विपरीत अवमानना की श्रेणी में आता है जो कि माफ करने योग्य नहीं है। इस संबंध में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि आयोग के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग का जो भी आदेश होगा उसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

कंपनियों ने अपने साफ्टवेयर से आयोग का आदेश हटा की मनमानी

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों ने अपने आनलाइन साफ्टवेयर ईआरपी से आयोग के कास्ट डाटा बुक संबंधी आदेश को हटाकर मनमानी की है। 25 जून को मनमानी दरों संबंधी नियम विरुद्ध गलत आदेश अपलोड कर कंपनियों ने उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाला। किसानों से ट्यूबवेल के कनेक्शन के एस्टीमेट पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी की वसूली की गई जबकि ट्यूबवेल कनेक्शन के मामले में जीएसटी शून्य है।

अन्य विद्युत उपभोक्ताओं से भी जीएसटी के मद में 39 प्रतिशत तक की वसूली की गई। वर्मा का दावा है कि लगभग चार लाख उपभोक्ताओं से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की गई है। परिषद अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में कारपोरेशन प्रबंधन के संज्ञान में पूरे मामले को लाए जाने के बावजूद कुछ नहीं किया गया। पूरे मामले पर वह अब मुख्यमंत्री से मिलकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।


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