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बिना लिखित परीक्षा दौड़ के अंकों पर भर्ती होंगे 35 हजार सिपाही

उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी (सिपाही) और मुख्य आरक्षी की भर्ती की प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया है। सिपाही भर्ती से लिखित परीक्षा समाप्त कर दी गयी है। अब मेरिट और दौड़ के अंकों के आधार पर सिपाहियों के रिक्त पदों के सापेक्ष 100 प्रतिशत सीधी भर्ती होगी और मुख्य

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 09:23 AM (IST)
बिना लिखित परीक्षा दौड़ के अंकों पर भर्ती होंगे 35 हजार सिपाही

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी (सिपाही) और मुख्य आरक्षी की भर्ती की प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया है। सिपाही भर्ती से लिखित परीक्षा समाप्त कर दी गयी है। अब मेरिट और दौड़ के अंकों के आधार पर सिपाहियों के रिक्त पदों के सापेक्ष 100 प्रतिशत सीधी भर्ती होगी और मुख्य आरक्षी के सभी पद विभागीय पदोन्नति के जरिए भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भरोसा दिया है कि जल्द ही 35 हजार सिपाहियों की भर्ती नई प्रक्रिया से की जाएगी। कैबिनेट ने नई भर्ती नियमावली को मंजूरी दी है। इसके पहले भी छह बार पुलिस भर्ती नियमावली में बदलाव किया जा चुका है। सीधी भर्ती के पदों पर दसवीं और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन करने का अधिकार रहेगा। दसवीं और बारहवीं में प्राप्त अंकों के आधार पर श्रेष्ठता सूची बनेगी। इसका सत्यापन संबंधित बोर्ड द्वारा किया जाएगा। पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 18 से 22 और महिलाओं के लिए 18 वर्ष से 25 वर्ष की आयु निर्धारित की गयी है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त छूट के प्रावधानों के अनुसार मौका मिलेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों के आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किये जाएंगे।

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दो सौ अंकों की होगी दौड़ श्रेष्ठता सूची में चयनित अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता (दौड़) परीक्षा 200 अंकों की होगी जिसमें पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 4.8 किलोमीटर की दौड़ तथा महिला अभ्यर्थियों के लिए 2.4 किलोमीटर की दौड़ निर्धारित की गयी है। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा का कहना है कि इस दौड़ नियमावली में बदलाव करते हुए 15-15 सेकेंड के अंतर पर भी अंक निर्धारित किये गये हैं। हर 15 सेकेंड के अंतर पर दो अंक बढ़ जाएंगे। इससे प्रतिस्पर्धा में पारदर्शिता आयेगी और प्रतिभा का सटीक मूल्यांकन होगा।नई नियमावली में दो दिसंबर 2008 से पहले और इसके बाद भर्ती किये गये पुलिस आरक्षी और मुख्य आरक्षी की वरिष्ठता इस अवधि में की गयी भर्ती के समय तय नियमों के आधार पर अलग-अलग निर्धारित की जाएगी।

केजीएमयू चलाएगी एसजीपीजीआइ के लिए बना ट्रामा सेंटर

संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के लिए बने ट्रामा सेंटर का संचालन किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) करेगी। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। तय हुआ कि भर्ती होने के बाद पहले 24 घंटे यहां पूरी तरह मुफ्त इलाज होगा।

वृंदावन आवासीय योजना संख्या 4 में एसजीपीजीआइ के लिए ट्रामा सेंटर बनाया गया है। इस पर कुल 87.69 करोड़ रुपए खर्च होने थे, जिसमें से 83.31 करोड़ रुपये खर्च भी किये जा चुके हैं। इसके संचालन के लिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एपेक्स ट्रामा सेंटर की भांति पदों के सृजन की प्रक्रिया चल रही है। सितंबर में केजीएमयू के कुलपति ने इस ट्रामा सेंटर को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव किया था। एसजीपीजीआइ के निदेशक ने भी कहा कि संस्थान में हड्डी, स्त्री एवं प्रसूति व बाल रोग जैसे ट्रामा से संबंधित महत्वपूर्ण विभाग अभी विकसित नहीं हैं। ऐसे में दोनों पक्षों की सहमति पर इस ट्रामा सेंटर का संचालन केजीएमयू से कराए जाने का प्रस्ताव किया गया था। बैठक में तय हुआ कि ट्रामा सेंटर के संचालन में जरूरी मानव संसाधन, उपकरण आदि का प्रावधान व इस पर होने वाले खर्च का वहन केजीएमयू को शासन द्वारा उपलब्ध अनुदान से किया जाएगा। यहां भर्ती होने वाले मरीजों की पहले 24 घंटे मुफ्त चिकित्सा सुविधा केजीएमयू द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से वित्तीय प्रावधान भी किये जाएंगे। इसके लिए परिसंपत्तियों का हस्तांतरण समयबद्ध ढंग से एसजीपीजीआइ द्वारा केजीएमयू को कर दिया जाएगा।

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब ट्रामा सेंटर प्रदेश के लिए नए वर्ष 2016 का तोहफा होगा। केजीएमयू की ओर से चिकित्सकों की तैनाती आदि की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी।

सैफई में हो सकेगी नाइट लैंडिंग

इटावा के सैफई की राजकीय हवाई पट्टी पर अब रात में भी जहाज उतर सकेंगे। नाईट लैंडिंग की सुविधा के लिए आवश्यक निर्माण कार्य करने के प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई।इसके अलावा कैबिनेट बैठक में पुराने बेल-320 हेलीकाप्टर को बेचने के फैसले पर भी मुहर लगी। भारतेन्दु नाट्य अकादमी, ललित कला अकादमी व अयोध्या के शोध संस्थान में सेवानिवृत्त होने की आयु को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया गया है।

सूचना आयोग में बदल सकेगी पीठ

गर आप सूचना आयोग की किसी पीठ की कार्यवाही से संतुष्ट नहींं हैं तो अब दूसरी पीठ में मामले को स्थानांतरित करने का आवेदन कर सकेंगे। इसी तरह सूचना आयुक्त भी लंबित किसी कार्यवाही को अन्य पीठ को स्थानांतरित करने का अनुरोध मुख्य सूचना आयुक्त से कर सकेंगे। आवेदक शिकायत या अपील को वापस भी ले सकेंगे। उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली-2015 में ऐसी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस नियमावली को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। अभी तक उत्तर प्रदेश में जनसूचना अधिकार अधिनियम बिना किसी नियमावली के काम कर रहा था। नियमावली लागू होने से सूचना मांगने और उसे देने की व्यवस्था स्पष्ट कर दी गई है। नियमावली में जनसूचनाधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी गई है तो आवेदक को मांगी गई सूचनाओं का कारण भी स्पष्ट करना होगा। नियमावली लागू होने के साथ ही सूचना मांगने, सूचना प्रदान करने, अपील दाखिल करने, अपील का निस्तारण करने और निर्णय आदि के लिए प्रपत्रों की नई व्यवस्था होगी। अब आरटीआइ आवेदक का रजिस्टर बनेगा, जिसमे आवेदन की तारीख से लेकर आवेदक का नाम, फीस, मांगी गई सूचना और आवेदन अस्वीकृत व स्वीकृत आदेश करने की तारीख का जिक्र होगा। सुनवाई के दौरान कोई पक्षकार स्थगन के लिए आवेदन करेगा तो न्यायोचित कारण पाते हुए आयोग आवेदन को मंजूर कर सकेगा। इसी तरह कोई जनसूचनाधिकारी सूचनाएं मांगने के लिए आवेदन को किसी अन्य विभाग में भेजता है तो स्थानांतरण की जानकारी निर्धारित फार्म पर ही देनी होगी। जनसूचनाधिकारी के खिलाफ साक्ष्य समेत शिकायत पर जांच कराने का अधिकार आयोग का होगा। राज्य सूचना आयोग द्वारा शिकायतों एवं अपीलों की सुनवाई की नोटिस एवं उसके निस्तारण या निर्णय की तामीली की व्यवस्था भी नियमावली में की गई है। शिकायत या अपील को वापस लिए जाने की नियमावली नई व्यवस्था की गई है। सूचना का अधिकार (फीस एवं लागत विनियम) नियमावली 2006 में अधिरोपित दंड की धनराशि जमा कराने एवं उसकी वापसी के लिए लेखाशीर्षक की पृथक व्यवस्था नहीं थी। अब इसे नियमावली में शामिल किया गया है। सचिव और रजिस्ट्रार की नियुक्ति एवं उनके दायित्वों को नियमावली में स्पष्ट कर दिया गया है। सूचना आयोग की मुद्रा एवं प्रतीक की नई व्यवस्था भी की गई है।


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