नौकरी से निकाले गए हड़ताली कर्मियों से की जाएगी नुकसान की वसूली
दर्ज होगी प्राथमिकी, निकाले गए पांच कर्मियों का परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित। प्रबंध निदेशक ने कहा कि मांग आधारहीन, मात्र 35 बसों का ही हुआ संचालन।
लखनऊ, (जेएनएन)। बीते सोमवार को देर शाम निकाले गए हड़ताली पांच नगर बस कर्मियों को अब घाटे की भरपाई का मुकदमा भी लडऩा पड़ेगा। नगरीय प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इन पांचों कर्मचारियों के खिलाफ बसों का संचालन रोककर बड़ा नुकसान करने पर सिविल शूट फाइल करने के आदेश दे दिए हैं। साथ ही उनके देयक भी रोक दिए गए हैं। उधर, परिवहन निगम वर्कशाप संविदा कर्मकार यूनियन के अध्यक्ष एवं मंत्री ने हड़ताल जारी रखने का दावा किया है। हालांकि 35 बसों का संचालन आज किया गया।
प्रबंध निदेशक आरिफ सकलैन के मुताबिक सोमवार को निकाले गए पांचों कर्मी आशीष मिश्र, कमलेंद्र, रोहित कुमार वर्मा, जयशंकर मिश्र, अमरीश कुमार ने आज पूर्वाह्न करीब 11 बजे कार्यशाला पहुंचकर बसों की चेकिंग में व्यवधान किया गया। इन पांचों कर्मचारियों के सभी देयकों का भुगतान रोक दिया गया है। बसों की चेकिंग न हो पाने से बसों को रूट पर जाने से रोक दिया गया। कर्मचारियों ने कार्यशाला में जबरन प्रवेश कर अन्य कर्मचारियों पर दबाव बनाकर हड़ताल के लिए उकसाया गया। इससे काम बाधित हुआ।
सोमवार को भी संचालन में बाधा बनी रही। आज फिर से हंगामा करने पर उनके खिलाफ हुए नुकसान की भरपाई के आदेश दिए गए हैं। साथ ही परिसर में प्रवेश के लिए रोक लगा दी गई है। इस संबंध में विभूतिखंड के थानाध्यक्ष को इन पर मुकदमा दर्ज करने को कहा है। उन्होंने कहा कि निकाले कर्मचारी संचालन में बाधा बन रहे हैं जिससे संचालन में दिक्कत आ रही है। लिहाजा ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। वहीं इस मसले पर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड गोमतीनगर कार्यशाला अध्यक्ष और मंत्री की ओर से पत्र भेजकर कार्य वहिष्कार का दावा किया गया है।