कोरोना से बच्चों में वयस्कों से बेहतर और जल्द रिकवरी-जानिए Facts
बच्चों में इम्युनिटी कम फिर भी कोरोना वायरस से वयस्कों के मुकाबले बीमारी को जल्दी दे रहे हैं मात।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। कोरोना संक्रमण का असर बच्चों में पहेली बन गया है। हाई रिस्क में होने के बावजूद बच्चे जहां संक्रमण की चपेट में कम आ रहे हैं। वहीं जो बच्चे इस संक्रमण के चपेट में आ रहे हैं वो वयस्कों के मुकाबले जल्दी ठीक भी हो रहे हैं। यह हाल तब है जब कम उम्र की वजह से उनके शरीर में इम्युनिटी भी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है। ऐसे में डॉक्टर भी असमंजस में पड़े हुए हैं। उनके मुताबिक ये शोध का विषय है।
राजधानी में कोविड-19 का सबसे पहले सेंटर केजीएमयू बना। यहां जांच के साथ इलाज शुरू किया गया। 11 मार्च को पहली कोरोना मरीज भर्ती की गई। इस दौरान भर्ती 64 मरीजों की रिकवरी पर अध्ययन किया गया। संक्रामक रोग यूनिट के इंचार्ज डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक भर्ती 64 मरीजों में से सिर्फ दो बच्चे रहे। इसमें एक ढाई वर्ष का बच्चा भर्ती किया गया। दूसरा कैंसर पीड़ित तीन वर्षीय बच्चे को कोरोना की वजह से आइसोलेट किया गया। इन दोनों बच्चों के ठीक होने का औसत समय 7.5 दिन रहा। यह भर्ती होने वाले विभिन्न उम्र के मरीजों में सबसे कम है।
नॉर्मल डाइट, बिना दवा जीती जंग
डॉ. डी हिमांशू के मुताबिक 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इम्युनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होती है। ऐसे में इन्हें हाई रिस्क ग्रुप में रखा गया है। इसमें एक बच्चा कैंसर पीड़ित था। उसमें कीमो थेरेपी भी दी जा चुकी थी। ऐसे में इम्युनिटी और कमजोर होने की संभावना थी। बावजूद दोनों बच्चे बिना किसी दवा के ठीक हुए। उन्हें सिर्फ नॉमर्ल डाइट वार्ड में दी गई। फल, दूध, ब्रेड, दलिया जैसे सुपाच्य भोजन दिया गया है। ऐसे में बच्चों के कम दिनों में रिकवरी कैसे हो रही है, इसका अभी सटीक आकलन नहीं किया जा सका। मगर, यह शोध का विषय है। आखिर शून्य से दस वर्ष से कम बच्चे वायरस से सप्ताह भर में कैसे छुटकारा पाने में कामयाब हो रहे हैं।
वयस्क-बुजुर्ग 11 दिनों में हो रहे ठीक
डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक 10 से 18 वर्ष की उम्र का एक मरीज वार्ड में भर्ती किया गया। यह दस दिनों में ठीक हुआ। वहीं 19 से 60 वर्ष के 53 मरीज भर्ती किए गए। इसमें दो की मृत्यु हुई। शेष के ठीक होने का औसत समय 11 दिन रहा। ऐसे ही 60 वर्ष से ऊपर आठ मरीज भर्ती किए गए। इसमें एक मरीज की मृत्यु हुई। वहीं ठीक होने का समय 11 दिन रहा।
कोराेना में पांच दिन देते दवा
डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक जिन मरीजों में वायरस के कोई लक्षण नहीं होते हैं। उनको दवा नहीं दी जाती है। वहीं माइल्ड केस में पांच दिन एचसीक्यू व एजिथ्रोमाइसिन की डोज डॉक्टर की निगरानी में दी जाती है। इसके अलावा मरीज की हालत के अनुसार दवाओं का चयन किया जाता है।