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अमेठी में एक ही दिन में जमीन की रजिस्ट्री से सरकारी खजाने में एक अरब 61 करोड़ से ज्यादा जमा

केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के संसदीय क्षेत्र में शुक्रवार को धनतेरस पर एक ही रजिस्ट्री से एक अरब 41 करोड़ लाख रुपया सरकारी खजाने में जमा हुआ। इसके साथ ही अन्य में 20.22 करोड़ से ज्यादा रुपया जमा हुआ है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 04:37 PM (IST)
अमेठी में एक ही दिन में जमीन की रजिस्ट्री से सरकारी खजाने में एक अरब 61 करोड़ से ज्यादा जमा
अमेठी के मुसाफिरखाना के उप निबंधक कार्यालय

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में भी अमेठी के सरकारी खजाने में बड़ी धनराशि जमा हो रही है। इसमें भी शुक्रवार को तो प्रदेश भर में सबसे बड़ी रजिस्ट्री अमेठी में हुई है। केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के संसदीय क्षेत्र में शुक्रवार को धनतेरस पर एक ही रजिस्ट्री से एक अरब 41 करोड़ लाख रुपया सरकारी खजाने में जमा हुआ। इसके साथ ही अन्य में 20.22 करोड़ से ज्यादा रुपया जमा हुआ है।

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अमेठी के मुसाफिरखाना के उप निबंधक कार्यालय को एक अप्रैल से 13 नवंबर 2020 तक अलग-अलग प्रकार की रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क से दो अरब 14 करोड़ 79 लाख 84 हजार 550 रुपये की इनकम हुई। इसके बाद तो यहां का खजाना बढ़ता ही गया। अमेठी में कल प्रदेश की सबसे महंगी रजिस्ट्री हुई है। यहां की मुसाफिरखाना तहसील में शुक्रवार को हुई एक रजिस्ट्री ने प्रदेश में अब तक हुई रजिस्ट्री में मिलने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क के सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। रजिस्ट्री शुल्क ई-पेमेंट के जरिए प्रदेश सरकार के खजाने में रजिस्ट्री को कराने वाली कंपनी ने एक अरब 41 करोड़ रुपया से ज्यादा का स्टांप और 20.22 करोड़ से ज्यादा फीस जमा कराया है।

अमेठी के कमरौली जगदीशपुर को यूपीएसआईडीसी (अब यूपीडा) ने 80 के दशक में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया। उस वक्त अमेठी से सांसद रहे राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, ऐसे में यहां तमाम बड़ी कंपनियों ने लीज पर भूमि ली और कंपनियों की स्थापना की। बिड़ला ग्रुप ने 1984 में बड़ी भूमि पर इंडोगल्फ के नाम से शक्तिमान उर्वरक की कंपनी डाली। इसी कंपनी की लीज पर ली गई संपूर्ण भूमि अपने ही ग्रुप की दूसरी कंपनी के नाम कर दी।

आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने ही ग्रुप की आदित्य बिरला नुवो लिमिटेड से शुक्रवार को 833.04 एकड़ यानी 1,332.86 बीघा की भूमि की लीज का परिवर्तन कराया। यह लीज परिवर्तन यूपीएसआईडीए ने किया है। इस लीज परिवर्तन के लिए ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक अरब 41 करोड़ 59 लाख 51 हजार 408 रुपये (1,41,59,51,408 रुपये) बतौर स्टांप शुल्क और 20 करोड़ 22 लाख 78 हजार 940 रुपये (20,22,78,940 रुपये) का रजिस्ट्री फीस शुल्क दिया।

अमेठी की अपर जिलाधिकारी वंदिता ने बताया कि शुक्रवार को हुई यह रजिस्ट्री स्टांप शुल्क की दृष्टि से प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक रजिस्ट्री विभाग के सॉफ्टवेयर में शुल्क चुकाने की व्यवस्था 10 अंक तक थी। शुल्क 11 अंक में पहुंचने की वजह से विभाग को शीघ्र ही साफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा। अपर जिला मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव की कोर्ट में अधियाचन कर स्टांप निर्धारण कराने का अनुरोध किया था। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने 13 जुलाई को लीज परिवर्तन के लिए एक अरब 84 करोड़ 39 लाख 14 हजार 710 रुपये का स्टांप और इसके सापेक्ष रजिस्ट्री शुल्क चुकाने का अधिनिर्णय सुनाया था। इस निर्णय के क्रम में कंपनी अब तक चार रजिस्ट्री में एक अरब 76 करोड़ 48 लाख 15 हजार 460 रुपये का स्टांप शुल्क और 27 करोड़ 15 लाख 77 हजार 420 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क चुका चुकी है। मुसाफिरखाना के उप निबंधक कार्यालय को एक अप्रैल से 13 नवंबर 2020 तक अलग-अलग प्रकार की रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क से दो अरब 14 करोड़ 79 लाख 84 हजार 550 रुपये की इनकम हुई है। इसमें दो अरब तीन करोड़ 63 लाख 92 हजार 880 रुपये सिर्फ इस कंपनी की चार रजिस्ट्री से प्राप्त हुए हैं। अन्य से प्राप्त आय मात्र 11 करोड़ 15 लाख 91 हजार 670 रुपये है। 


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