अब मीटर रीडिंग लेने ड्रेस कोड में आपके घर आएंगे रीडर
सितंबर से छह डिविजन में नई कंपनी के जिम्मे होगा रीडिंग का काम, अंदाजे से रीडिंग नहीं भेज सकेंगे कर्मचारी।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। अब मीटर रीडर का ड्रेस कोड होने के साथ ही उसका परिचय पत्र भी होगा। अगर डेस कोड व परिचय पत्र नहीं है तो आप उसे रीडिंग लेने न दें। यह प्रयास उपभोक्ताओं व बिजली विभाग के बीच पारदर्शिता लाने के लिए किया जा रहा है। यह व्यवस्था राजधानी के छह डिवीजन में सितंबर के मध्य से शुरू होने जा रही है। फिलहाल आधा दर्जन से अधिक मीटर रीडिंग लेने वाली एजेंसियों की बिजली विभाग चरणबद्ध तरीके से छुट्टी कर रहा है। पहले चरण में हुसैनगंज, आलमबाग, चौक, अमीनाबाद, ठाकुरगंज, रेजीडेंसी डिवीजन हैं। यहा तीन लाख उपभोक्ताओं को जहा मीटर रीडरों की मनमर्जी से निजात मिलेगी, वहीं जीपीएस से उन पर नजर भी रखी जाएगी कि वह उपभोक्ता के घर गए हैं या नहीं। इंटिग्रेटेड कमाड सेंटर में बैठा कर्मचारी अपने क्षेत्रों के मीटर रीडरों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। अभियंताओं के मुताबिक जहा पहले चरण में रीडिंग का काम शुरू किया जा रहा है, वहा सर्वे का काम पूरा हो चुका है। यह सारा काम निजी एजेंसी कंपीटेंट करेगी। अफसरों को उम्मीद है कि इससे राजस्व का ग्राफ भी बढ़ेगा। मीटर रीडरों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक डिवीजन में सुपरवाइजर होंगे। यह सुपरवाइजर अपने क्षेत्र के मीटर रीडर की कार्यप्रणाली पर नजर रखेंगे। मध्याचल के अभियंताओं ने बताया कि जल्द ही सुपरवाइजरों के नंबर भी उपकेंद्रों व बिलिंग केंद्र में चस्पा करवाएं जाएंगे। क्या कहना है अफसर?
मध्याचल एमडी संजय गोयल का कहना है कि उपभोक्ता व बिजली महकमे के बीच इस नए प्रयास से और पारदर्शिता आएगी। बिल न मिलने की शिकायतें भी दूर होंगी।