Union Budget 2019: विपक्ष की नजर में बजट सत्ता में बने रहने के लिए एक और जुमलेबाजी
केंद्र सरकार के बजट को विपक्ष ने भाजपा की एक और जुमलेबाजी करार दिया। कांग्रेस ने इसे अप्रासंगिक, सपा ने किसान विरोधी, रालोद ने काल्पनिक और बसपा ने मायूस करने वाला बताया।
लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार के बजट पर विपक्ष ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे भाजपा की एक और जुमलेबाजी करार दिया है। यह भी कहा है कि केंद्र की सत्ता में बने रहने का भाजपा का मंसूबा पूरा नहीं हो पाएगा। कांग्रेस ने अप्रासंगिक, सपा ने किसान विरोधी, रालोद ने काल्पनिक और बसपा ने बजट को मायूस करने वाला बताया है।
किसान भाजपा का बिस्तर बोरिया बांध देंगे : अखिलेश
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के बजट पर ट्विटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच वर्षों में पांच-पांच किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, अब उसी को छह हजार रुपये बनाकर साल भर में वापस करना चाहती है। भाजपा ने दाम बढ़ा कर व वजन घटाकर दोहरी मार मारी है। अगले चुनाव में किसान बोरी चोरी करने वाली भाजपा का बिस्तर बोरियां बांध देंगे।
समाधान से दूर जुमलेबाजी वाला बजट : मायावती
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार के बजट को समस्याओं के समाधान से दूर जुमलेबाजी वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि गत पांच वर्ष में आर्थिक समानता की खाई और ज्यादा बढ़ी है। भारत में धन और विकास केवल मुट्ठी भर धन्ना सेठों के हाथों में सिमट गया है। लंबे चौड़े बयानों और जुमलेबाजी से देश की तकदीर नहीं बदल सकती है। भाजपा की वादाखिलाफी की तरह ही अंतरिम बजट भी आम जनता को मायूस व बेचैन करने वाला ही है।
भाजपा के वादों पर भरोसा नहीं : राजबब्बर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि देश की जनता का भाजपा के वादों पर भरोसा नहीं रह गया है। वादाखिलाफी करने वाले प्रधानमंत्री अपनी सरकार की विदाई बेला में जनता को फिर से छलावे में डालकर सत्ता में बने रहना चाहते हैं। जनता भाजपा के असली चरित्र और चेहरे को पहचान चुकी है और आने वाले चुनाव में सबक सिखा देगी।
मोदी सरकार का बजट काल्पनिक : रालोद
राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य प्रवक्ता अनिल दुबे ने मोदी सरकर के बजट को काल्पनिक बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षी महागठबंधन से भयभीत भाजपा जनता से हर फरेब व छल करने की कोशिश कर रही है। पांच वर्ष के शासन में जनता की कमर पूरी तरह से टूट गई है। अब जुमलेबाजी व घोषणाओं के मरहम लगाने की कोशिश की जा रही है।