Move to Jagran APP

ट्रेन में झटके रहित सफर की तकनीक, ITI साथ विकसित करेगा RDSO

तेज रफ्तार ट्रेनों में यात्रियों को खासकर स्लीपर व जनरल बोगियों में लगने वाले तेज झटके। पटरियों को बदलते व पुल से गुजरते समय के साथ सफर के दौरान आने वाली आवाज। इनसे यात्रियों के सफर में होने वाली अड़चन को रेलवे दूर करेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 06:00 AM (IST)
ट्रेन में झटके रहित सफर की तकनीक, ITI साथ विकसित करेगा RDSO
ट्रेन को झटके रहित बनाने के लिए आइआइटी के साथ शोध के लिए आरडीएसओ ने 25 प्रोजेक्ट चुने।

लखनऊ [निशांत यादव]। तेज रफ्तार ट्रेनों में यात्रियों को खासकर स्लीपर व जनरल बोगियों में लगने वाले तेज झटके। पटरियों को बदलते व पुल से गुजरते समय के साथ सफर के दौरान आने वाली आवाज। इनसे यात्रियों के सफर में होने वाली अड़चन को रेलवे दूर करेगा। एक सुगम, आवाज रहित और बिना झटकों की यात्रा के लिए रेलवे नई तकनीक विकसित करेगा। यह तकनीक देश के आइआइटी के साथ मिलकर खोजी जाएगी। रेलवे की ओर से अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) जल्द ही चयनित आइआइटी के शोधकर्ताओं के साथ तकनीक पर काम करेगा।आरडीएसओ ने कुल 25 प्रोजेक्ट चुने हैं।

loksabha election banner

इन प्रोजेक्टों पर आरडीएसओ कई आइआइटी के साथ शोध करेगा। सुगम बिना झटके के सफर के अलावा आरडीएसओ हाइब्रिड हाइड्रोजन फ्यूल एंड बैट्री बेस्ड पावर ट्रेन के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर भी काम करेगा। इस प्रोजेक्ट में जहां हाइब्रिड हाइड्रोजन ईंधन एक विकल्प के रूप में तैयार होगा। वहीं बैट्री से लंबी दूरी तक ट्रेनें दौड़ाने की तकनीक भी खोजी जाएगी। पिछले दिनों जबलपुर ने बैट्री चालित रेल इंजन की तकनीक विकसित की थी। लेकिन वह केवल शंटिंग के लिए ही इस्तेमाल हो सकता है। रेलवे लंबी दूरी तक बैट्री से ट्रेनों को दौड़ाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इससे पहले सीएनजी वाला इंजन भी तैयार किया गया था। मेक इन इंडिया के तहत आधुनिक तकनीक हासिल करने के लिए आरडीएसओ देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ संपर्क कर रहा है। आरडीएसओ के विशेषज्ञों ने 27 अक्टूबर से 10 नवंबर तक आइआइटी मुंबई, खडग़पुर, कानपुर,चेन्नई,रुड़की और वाराणसी के संकाय अध्यक्षों और शोधकर्ताओं के साथ ऑनलाइन कांफ्रेंस की थी। जिसमें ऊर्जा दक्षता बढ़ाने, संपत्ति की विश्वसनीयता, परिचालन क्षमता को लेकर चर्चा हुई।

अधिशासी निदेशक प्रशासन आरडीएसओ डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि आरडीएसओ ने पिछले कुछ दिनों में देश के सभी संस्थानों के साथ संपर्क किया है। अपने 25 प्रोजेक्टों को वह इन आइआइटी के साथ पूरा करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.