राशन घोटाले में 33 कोटेदारों के खिलाफ एफआइआर की संस्तुति
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। गरीबों का राशन लूटने के मामले में राजधानी में 33 कोटेदारों पर प
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। गरीबों का राशन लूटने के मामले में राजधानी में 33 कोटेदारों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। जिलापूर्ति अधिकारी ने जांच के बाद कोटेदारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए डीएम से अनुमति मंागी है। शासन के निर्देश पर जांच के बाद राजधानी में यहियागंज, वजीरगंज, आलमबाग और पांडेयगंज में कई सरकारी राशन की दुकानों पर आधार संख्या में खेल कर राशन का घोटाला किया गया। जिलापूर्ति अधिकारी आमिर खान का कहना है कि अब तक की जांच में जो सामने आया है उसके आधार पर इतनी दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जांच चल रही है। इस तरह हुआ खेल
जिन दुकानों में 50 से 60 फीसद ही वितरण हो रहा था वहां ई-पोस मशीन में खेल कर वितरण 60 से बढ़कर 90 फीसद कर दिया गया। जितने कार्ड मशीन में वितरण के तौर पर बढ़ाए गए थे, उसके बदले कोटेदारों से प्रति कार्ड 150 रुपये लिए गए और इस रकम की भरपाई के लिए कोटेदारों को गरीबों का राशन बाजार में बेचने की छूट दे दी गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक परिवार में पाच सदस्यों की औसत संख्या के हिसाब से प्रत्येक राशन कार्ड पर करीब 25 किलो राशन जारी किया जाता है। इस तरह करोड़ों रुपये का यह घोटाला राजधानी सहित कई जिलों में किया गया है। आधार कार्ड में खेल कर हड़पा गरीबों का राशन, डीएसओ ने डीएम मांगी अनुमति, निरस्त होगा कोटाआधार कार्ड में खेल कर हड़पा गरीबों का राशन, डीएसओ ने डीएम मांगी अनुमति, निरस्त होगा कोटा आधार कार्ड में खेल कर हड़पा गरीबों का राशन, डीएसओ ने डीएम मांगी अनुमति, निरस्त होगा कोटा