रामपुर पब्लिक स्कूल: अपना स्कूल खोलना था तो नियमों से खेलते रहे आजम खान
खास बात यह कि आजम खां ने यह सब अपने ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के स्वामित्व वाले सरकारी शोध संस्थान पर कब्जे के लिए किया।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उदाहरण एक-विभागीय मंत्री रहते हुए आजम खां ने सरकारी शोध संस्थान को अपने निजी ट्रस्ट में संबद्ध करवा लिया।
उदाहरण दो-वर्ष 2005-06 में तय किया गया था कि यह संस्थान केवल उर्दू-अरबी और फारसी की उच्च शिक्षा में शोध करेगा लेकिन बाद में इसमें बेसिक और माध्यमिक शिक्षा को जोड़ कर रामपुर पब्लिक स्कूल खोल दिया गया।
सपा सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे मो. आजम खां ने रामपुर के मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में अपनी ही मर्जी चलाई और संस्थान के उद्देश्य ही बदल दिए। एक उद्देश्य था 'उर्दू, अरबी व फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था करना एवं शोध कार्य कराना लेकिन, आजम ने इसे ही बदल दिया और सरकारी शोध संस्थान के भवन में ही रामपुर पब्लिक स्कूल खोल लिया। खास बात यह कि आजम खां ने यह सब अपने ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के स्वामित्व वाले सरकारी शोध संस्थान पर कब्जे के लिए किया।
इस संस्थान पर शुरू से ही आजम खां की निगाहें थीं। उन्होंने मंत्री रहते ही इस शोध संस्थान को अपने निजी मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट में संबद्ध कराते हुए मात्र 100 रुपये वार्षिक की दर से 33 साल के लिए लीज पर ले लिया। यह लीज 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है। सपा सरकार ने यह सब बड़े ही गुपचुप तरीके से कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए प्रस्ताव पास कराकर किया था। यह वही ट्रस्ट है जिसमें वह खुद आजीवन अध्यक्ष, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा सचिव व बड़े बेटे मो. अदीब आजम खां सदस्य हैं। यह ट्रस्ट मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय संचालित करता है।
रामपुर में जेल विभाग की जमीन लेकर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से इस शोध संस्थान को इसलिए बनाया गया था ताकि मुस्लिम समाज को समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके। इसके लिए उनकी आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक स्थिति में सुधार के लिए शोध व सर्वेक्षण किया जा सके। सरकार ने यहां निदेशक से लेकर संयुक्त निदेशक सहित कुल 85 पद सृजित किए थे। शोध एवं प्रशिक्षण के लिए 12 तकनीकी स्टाफ व शैक्षणिक कार्य के लिए पांच पदों का प्रावधान किया गया था। इन्हीं अनियमितताओं को देखते हुए भाजपा सरकार अब एसआइटी जांच करवा रही है। एसआइटी ने सभी संबंधित दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। एसआइटी को पद के दुरुपयोग के कई और साक्ष्य भी मिले हैं।
100 रुपये की लीज पर क्या-क्या मिला
-प्रशासनिक भवन के 10 कमरे
-प्रेक्षागृह के साथ 10 कमरे
-हास्टल में 109 कमरे
-टाइप फोर आवास में 15 कमरे
-आवास टाइप थ्री में 24 कमरे
-आवास टाइप टू में 24 कमरे
-आवास टाइप वन में 12 कमरे
-कुल निर्मित क्षेत्र 4252.07 वर्ग मीटर
-ओपेन एरिया में 8887.93 वर्ग मीटर
बहुत गड़बडिय़ां मिलीं
इस मामले में एसआइटी को जल्द जांच करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। सरकार संस्थान की लीज निरस्त करके उसे अपने कब्जे में लेगी।
-बलदेव ओलख, राज्यमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण