Barabanki Bus Accident Case: बाराबंकी बस हादसे मामले में रामपुर के संभागीय निरीक्षक निलंबित, सीट की क्षमता 55 से बढ़ाकर की थी 86
बाराबंकी बस हादसे की बस की कुल क्षमता चालक सहित 55 सीट की थी लेकिन संभागीय निरीक्षक ने इसकी क्षमता को 86 सीट का कर दिया। ऐसे में ओवरलोड बस का एक्सल टूट गया और बाराबंकी में यह बस हादसे का शिकार हो गई।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बाराबंकी में हादसे का शिकार हुई डबल डेकर बस की यात्रियों की क्षमता को रामपुर के संभागीय निरीक्षक प्राविधिक ने बदल दिया था। बस की कुल क्षमता चालक सहित 55 सीट की थी, लेकिन संभागीय निरीक्षक ने इसकी क्षमता को 86 सीट का कर दिया। ऐसे में ओवरलोड बस का एक्सल टूट गया और बाराबंकी में यह बस हादसे का शिकार हो गई। परिवहन विभाग की जांच में रामपुर के संभागीय निरीक्षक चंपालाल को दोषी पाया गया है। शनिवार को उनको निलंबित कर दिया गया।
बाराबंकी बस हादसे की जांच डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने की है। जांच में पता चला कि 30 सितंबर 2015 को रामपुर के संभागीय निरीक्षक प्राविधिक चंपालाल के आदेश से बस की सीटिंग क्षमता में परिवर्तन किया गया। परिवहन विभाग नियमावली में इसे गलत पाया गया है। वाहन संबंधी प्रपत्र और वाहन का विधिवत भौतिक निरीक्षण किए बिना ही संभागीय निरीक्षक चंपालाल ने बस की सीटिंग क्षमता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। नियमों के तहत इस तरह का आदेश देना उनके गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाता है। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि चंपालाल के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बाराबंकी बस हादसे से सबक लेते हुए शनिवार को परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब जिन बसों का एक वर्ष में पांच बार से अधिक चालान हुआ है तो उनका परमिट निरस्त कर दिया जाएगा।
प्रमुख सचिव परिवहन आरके सिंह ने आरटीओ व एआरटीओ के साथ एनएचएआइ अधिकारियों की बैठक में नौ बिन्दुओं पर प्लान बनाकर सख्ती से अमल के आदेश दिए हैं। इस दौरान परिवहन आयुक्त धीरज साहू, विशेष सचिव परिवहन डा. अखिलेश कुमार मिश्र, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक एनएन गिरी भी मौजूद थे।
प्रमुख सचिव परिवहन आरके सिंह ने की आरटीओ और एआरटीओ के साथ एनएचएआइ अधिकारियों की बैठक, सख्ती के निर्देश
- पुलिस थाना में जगह न मिलने पर जब्त हुईं डग्गामार बसों को परिवहन निगम के डिपो में बंद किया जाए
- पुलिस थानों में कबाड़ हो चुके वाहनों की नीलामी के लिए कमेटी बनाई जाए
- ओवरस्पीड रोकने के लिए इंटरसेप्टर को प्रभावी किया जाए
- टैफिक नियमों को तोड़ने पर चालकों का डीएल निरस्त किया जाए
- बस बॉडी की जांच और हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य किया जाए
- एक्शन के लिए हर 40 किलोमीटर पर एनएचएआइ को पेट्रोलिंग, एंबुलेंस व रिकवरीयान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
आज से नहीं चलेंगी स्कैनिया बसें: परिवहन निगम की लग्जरी बस सेवा स्कैनिया के पहिए रविवार से थम जाएंगे। इन बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं, जिस कारण विभाग इन अनुबंधित बसों को संचालित नहीं कर पा रहा है। निगम अभी तक 21 स्कैनिया बसों को चला रहा था। जो दिल्ली, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज रूटों पर चलती थीं।