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Ayodhya Ram Mandir: तिरुपति जैसे होंगे अयोध्या में रामलला के दर्शन, ऐसी होगी व्यवस्था

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2024 की मकर संक्रांति यानी वर्ष के प्रथम पखवाड़े में ही रामलला को नवनिर्मित मंदिर के भव्य गर्भ गृह में स्थापित करने की घोषणा कर रखी है और इसी घोषणा के अनुरूप उसकी तैयारियां हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 06:55 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: तिरुपति जैसे होंगे अयोध्या में रामलला के दर्शन, ऐसी होगी व्यवस्था
राम जन्मभूमि पर निर्मित होने वाले भव्य मंदिर की व्यवस्था तिरुपति की तर्ज पर विकसित हो सकती है।

माशरण अवस्थी, [अयोध्या]। राम जन्मभूमि पर निर्मित होने वाले भव्य मंदिर की व्यवस्था तिरुपति की तर्ज पर विकसित हो सकती है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल तिरुपति भेजा गया है, जो वहां की व्यवस्था का अध्ययन करेगा। रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसलिए ऐसी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। नौ नवंबर 2019 को रामलला के पक्ष में आए सुप्रीम फैसले के बाद से ही दर्शनार्थियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

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इस दौरान सामान्य दिनों में भी रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या प्रतिदिन 12 से 15 हजार के बीच होती है और विशेष दिनों में यह संख्या एक लाख के पार भी पहुंच जाती है। समझा जाता है कि मंदिर निर्माण के बाद नित्य दर्शनार्थियों की संख्या 75 हजार से एक लाख के बीच होगी और विशेष दिनों में यह संख्या दो से ढाई गुनी तक हो तो कोई आश्चर्य नहीं । ऐसे में राम मंदिर की व्यवस्था करने वाली संस्था राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सामने इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को समुचित व्यवस्था देने और उन्हें नियंत्रित करने की चुनौती है।

ट्रस्ट ने 2024 की मकर संक्रांति यानी वर्ष के प्रथम पखवाड़े में ही रामलला को नवनिर्मित मंदिर के भव्य गर्भ गृह में स्थापित करने की घोषणा कर रखी है और इसी घोषणा के अनुरूप उसकी तैयारियां हैं। जहां एक और मंदिर निर्माण निर्धारित मानचित्र के अनुरूप पूरी तीव्रता से आगे बढ़ रहा है, वही श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था के विकल्प सुनिश्चित किए जाने पर भी काम हो रहा है । इसी क्रम में ट्रस्ट पहले चरण के तहत 25 हजार दर्शनार्थियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र बनाने का भी एलान कर रखा है।

इस तरह की व्यवस्था पुख्ता हो, इसी तथ्य को ध्यान में रखकर ट्रस्ट ने अपने प्रतिनिधियों को तिरुपति भेजा है। तिरुपति ऐसा तीर्थ क्षेत्र है, जहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं का ज्वार उमड़ता है और इन श्रद्धालुओं के दर्शन, बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराने और उन्हें कम से कम असुविधा के साथ नियंत्रित और सुरक्षित करने की व्यवस्था स्वयं में किसी उदाहरण से कम नहीं है । समझा जाता है कि तिरुपति की व्यवस्था का अध्ययन तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए बड़े काम का सिद्ध होगा।

सच्चाई यह है कि राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से ही तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आर्थिक प्रबंधन, निर्माण नियोजन और अब श्रद्धालुओं की व्यवस्था के मोर्चे पर फुलप्रूफ तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधिमंडल की तिरुपति यात्रा इसी सजगता, संवेदनशीलता और दायित्व बोध की परिचायक है। इस प्रतिनिधिमंडल में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के पदाधिकारी शामिल हैं।


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