Ram Mandir Ayodhya Update: विरासत के रंग उकेर रहे विकास की मनमोहक तस्वीर
Ram Mandir Ayodhya Update केसरिया कांति से जगमगा रहा सरयू का जल रंगों से नहा उठा है नगर।
अयोध्या [रघुवरशरण]। Ram Mandir Ayodhya Update : सरयू का पावन जल केसरिया कांति से नहा उठा है। राम की पैड़ी पर पुण्य सलिला की कल-कल में ही नहीं, बल्कि अयोध्या में पग-पग पर यही रंग नजर आ रहा है। जैसे-जैसे राममंदिर के भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की घड़ी नजदीक आ रही है, यह और भी चटख होता जा रहा है। इसके साथ ही विरासत के इस रंग से रामनगरी के विकास की तस्वीर भी सृजित होती जा रही है।
यह वही तस्वीर है, जिसका अनावरण पांच अगस्त को खुद प्रधानमंत्री मोदी को करना है। रामनगरी के नए रूप को मूर्तरूप देने के लिए आ रहे मोदी के स्वागत के लिए अयोध्या तैयार और बेकरार है। तैयारी ऐसी है कि पीएम जब हेलीकाप्टर से उतरेंगे तो फिर यहां की विरासत के रंग से उनका सराबोर होना तय है। साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड से वह ज्यों ही गेट तक बढ़ेंगे, उन्हें राम रंग में रंगने के लिए सामने की दीवार पर 25 फीट ऊंचा श्रीराम-जानकी का चित्र बनाया गया है। मो. सिराज इसे अंतिम स्पर्श दे रहे हैं। वह कहते हैं कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भगवान राम का चित्र बनाना उनके लिए गौरव की बात है। यह अकेले सिराज की बात नहीं, बल्कि पूरी रामनगरी का यही मिजाज है।
साकेत से निकलकर पीएम जहां से जन्मभूमि स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे, वहीं मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अपने घर के पास खड़े दिखते हैं। वह केसरिया रंग में रंगे भवनों को निहार रहे हैं। पूछते ही कहते हैं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के साथ विवाद समाप्त हो गया और अब सभी को तरक्की की ओर बढऩा चाहिए। वह भूमिपूजन की तैयारियों को तरक्की से जोड़कर देखते हुए उम्मीद जताते हैं- प्रधानमंत्री के हाथों राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के साथ अयोध्या की भी तस्वीर बदलेगी। भविष्य का यह सुखद बदलाव अभी से परिलक्षित होने लगा है।
हनुमानगढ़ी से आगे सरयू तट की ओर बढऩे पर रामनगरी का मुख्य बाजार गुलजार मिलता है। हालांकि, कोरोना संकट के कारण भीड़ थोड़ी कम दिखती है। अब सामने सरयू घाट है। पुण्य सलिला की नित्य आरती करने वाली संस्था के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास घाट की सफाई सुनिश्चित करने में जुटे दिखते हैं। उन्होंने अयोध्या आ रहे प्रधानमंत्री को सरयू आरती करने का आमंत्रण भेज रखा है। उन्हें पीएम के घाट पर आने की उम्मीद है। इसके पीछे वह सरयू की पौराणिकता का हवाला देना नहीं भूलते और वापस सफाई का निरीक्षण करने में जुट जाते हैं।