Ram Janmotsava and Deepotsav : सुबह रामजन्मोत्सव और शाम को मना दीपोत्सव
श्रद्धालुओं ने घरों में अौर पुजारियोें ने मंदिरों में श्रीराम जन्म का विधान किया। शाम को घरों के सामने दीपोत्सव हुआ।
लखनऊ, जेएनएन। श्रीराम के जन्मोत्सव पर घरों में दीपोत्सव श्रीराम के जयकारे के बीच गुरुवार को दोपहर में श्री राम का जन्म हुआ। श्रद्धालुओं ने घरों में और पुजारियोें ने मंदिरों में श्रीराम जन्म का विधान किया। शाम को घरों के सामने दीपोत्सव हुआ तो पूरा घर और मंदिरों रोशनी से जगमगा उठा श्रीराम नवमी के उपलक्ष्य में दीपक जलाकर कोरोना के संक्रमण के अंधेरे को दूर करने की मर्यादापुरूषोत्तम श्रीराम से कामना की गई।
घर-घर बजे बधइया अवध में जन्म लिए रघुरइया
मर्यादा पुरुषाेत्तम श्रीराम के आदर्श को अपनाने और उनके जन्म को उत्सव के रूप में मनाने की तहजीब के शहर-ए-लखनऊ की दास्तां वैसे सदियों पुरानी है, लेकिन गुरुवार को यह परंपरा एक बार फिर जीवंत हो उठी। घराें में जहां सुबह मां दुर्गा के जयकारे लगे तो दोपहर बाद श्रीराम के जन्म की खुशी का रंग भी नजर आया। हर कोई भगवान के अागे नतमस्तक होने को बेकरार रहा। पुराने लखनऊ के राम मंदिरों पुजारियों ने विधि विधान से श्रीराम के अवतरण का उत्सव मनाया।
इतिहासकार पद्मश्री डॉ.योगेश प्रवीन ने बताया लक्ष्मणनगरी को जब अवध की राजधानी बनाया गया तो हिदूं के साथ ही मु स्लिम समाज के लोग भी श्रीराम नवमी के उत्सव में हिस्सा लेते थे। घर-घर बजे बधइया अवध में जन्म लिए रघुरइया...जैसे गीतोंं से पूरी लक्ष्मण नगरी गुंजायमान हो जाती थी। वर्तमान समय में कुछ ऐसा ही नजारा शहर में नजर आया। हर कोई अपनो के साथ घरों में श्रीराम के जन्म के उत्सव में मंत्रमुग्ध रहा।
श्रीराम का अभिषेक और पूजन
श्रीराम का जन्म दिन में माना गया है। 12 बजे श्रीराम के जन्म के समय श्रद्धालुओं ने श्रीराम की प्र तिमा का अभिषेक किया और पूजा अर्चना की। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि मध्याह्न में श्रीराम का जन्म माना गया है। मां भगवती द्वारा दी गई सभी सिद्धियों को श्रीराम ने ग्रहण की और फिर मनुष्य के रूप में उनकी उत्तपत्ति हुई। इसी लिए दिन में श्रीराम का जन्म मनाया जाता है। जन्म के उपरांत दान पुण्य का विधान है। सभी ने अपने संकल्प के अनुसार दान किया। चौक में िवष्णु त्रिपाठी लंकेश ने घर में ही श्रीराम जन्मोत्सव पर आरती उतारी और पूजन किया। हुई मां की आराधना, व्रत का हुआ पारण नवमी से पहले नौ िदनों से चल रही नवरात्र व्रत के अंतिम दिन मां के नवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं मां सिद्धिदात्री।
अचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि प्राचीन शास्त्रों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व नामक आठ सिद्धियां बताई गई हैं। ये आठों सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की पूजा और कृपा से प्राप्त की जा सकती हैं। हनुमान चालीसा में भी ‘अष्टसिद्धि नव निधि के दाता’ कहा गया है। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने जहां व्रत का पारण किया वहीं कलश के जल को मां शीतला देवी की प्रतीक नीम को अर्पित किया। मां के जयकारे के साथ मध्याह्न 12 बजे के पहले कन्या पूजन के संकल्प को संरक्षित किया गया।
घर की कन्याओं की पूजा और दक्षिणा दान की
लॉक डाउन के चलते कन्याओं का पूजन भले ही न हुआ हो, ले किन कई घरों में लोगों ने अपने घर की कन्या की प्रतीक स्वरूप पूजा की अौर 10 कन्याओं का संकल्प संरक्षित कर लिया। चौक के राजीव मेहरोत्रा ने अपनी डेढ़ साल की पोती को चुनरी पहनाकर पूजा की। 10 कन्याओं के संकल्प को संरक्षित कर लिया। उनका कहना है कि बाल गृह या कुष्ठ आश्रम जाकर रकम और अनाजन दान करेंगे। आलमबाग के दर्पण लखमानी ने घर में की कन्याओं का पूजन िकया। तेलीबाग की डॉ. अमिताभा ने कन्याओं की दक्षिणा को गरीबाें के भोजन के लिए समाजसेवियों को दान किया।
आशियाना की अंजू रघुवंशी और गोमतीनगर की सुधा पांडेय ने भी पूजन कर कन्या के दान के पैसे से गरीबों को अनाज दिया। सदर के अालोक सिंघल ने नवमी हवन के बाद 501 रुपये कम्यु निटी किचेन में दान किए। चारबाग के माधुरी भूषण तिवारी ने पत्नी मंजू के साथ व्रत का पारण किया और कन्याओं की क्षिणा को मोतीनगर के बालगृह में दान करने के लिए निकाल लिया। कृष्णानगर की मानस नगर निवासी पार्वती देवी ने पोती याबी की पूजा की अौर 10 कन्याओं का दान कुष्ठ आश्रम में करने के लिए अलग किया। गणेशगंज के सूर्य पाठक ने 1100 रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर कन्या पूजन किया।
इंदिरानगर सेक्टर-नौ स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर परिसर में गायत्री परिवार के उमानंद शर्मा ने पत्नी सावित्री, बेटी पार्वती व चांदनी के अलावा परिवार के सदस्यों के साथ नौ दीपक जलाए। बरबल साहनी मार्ग स्थित पंच मुखी हनुमान मंदिर परिसर में पुजारी पवन मिश्रा की ओर से दीपोत्सव के साथ पूजन किया गया। राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर में श्रीराम के जन्मोत्सव के साथ दीपक जलाए गए। संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि पुजारी महादेव तिवारी ने सभी अनुष्ठान कराए। इसके अलावा शहर के हर हिस्से में दीपक जलाए गए।
कृष्णानगर के मानसनगर में अनिल वाजपेयी की ओर से घर में दीपक जलाए गए। विजयनगर में शिवशंकर अवस्थी की अोर से घर के सामने दीपक जलाया गया। चौक में केके चौरसिया व विष्णु त्रिपाठी ने दीपक जलाकर श्रीराम से समाज को कोरोनो से मुक्ति की कामना की। अरिवंद गुप्ता ने घर के सामने नौ दीपक जलाकर परिवार के साथ श्रीराम की आरती की। पेपर मिल कॉलोनी की महिला मंडल की उपाध्यक्ष प्रिया सिन्हा के संयोजन में महिला मंडल की ओर से दीपक जलाए गए। मेट्रो सिटी के सामने सीपी श्रीवास्तव की ओर से दीपक जलाए गए। इसके अलावा न्यू हैदराबाद, डालीगंज, महाननगर, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी व गुरु नानक नगर में दीपक जलाए गए।