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Raksha bandhan 2020: कोरोना काल में खुले बाजार ने भरी भाई-बहन के अटूट रिश्तों में मिठास

Raksha bandhan 2020 बहनों ने खरीदीं राखियां और मिठाई। पराग की मिठाई की ओर गया लोगों का ध्यान।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 01:33 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 01:33 PM (IST)
Raksha bandhan 2020: कोरोना काल में खुले बाजार ने भरी भाई-बहन के अटूट रिश्तों में मिठास
Raksha bandhan 2020: कोरोना काल में खुले बाजार ने भरी भाई-बहन के अटूट रिश्तों में मिठास

लखनऊ, जेएनएन। Raksha bandhan 2020: कोरोना काल के दौरान रविवार को खुले राखी और मिठाई बाजार से लोगों ने राहत महसूस की। बहनों ने राखियां खरीदीं तो मिठाई लेने वाले भी बाजार में नजर आए। अन्य दुकानों की बंदी होने के कारण लोगों ने जाम से राहत महसूस करते हुए जमकर खरीदारी की। भीड़ से बचने के लिए मिठाई बेचने वालों ने पहले से ही अलग-अलग वैरायटी के डिब्बे वजन के हिसाब से तैयार कर लिए थे नतीजतन लोगों का भीड़ से सामना नहीं हुआ। 

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हालांकि, चल रही बंदी को देखते हुए लोगों ने पहले से ही अपनी जरूरत की खरीदारी कर ली थी।चीन की म्यूजिकल राखियां इस बार बाजार से गुम होती दिखीं। सूरत का देशी स्टोन हो या फिर कलावा और आर्टिकल राखियों का बाजार इस बार गर्म रहा। देशी उत्पादों ने बहनों का ध्यान इस ओर खींचा। यहियागंज समेत सभी प्रमुख बाजार में देशी राखियों का जोर रहा।

देशी राखियों ने ली बढ़त, गुम हुईं चीनी म्यूजिकल

चीन की इलेक्ट्रानिक राखियों को इस बार देशी राखियों ने चुनौती दी। कलावा और स्टोन राखियां लोगों की पसंद रहीं। म्यूजिकल, इलेक्ट्रानिक, जलने बुझने वाली घड़ी, टेडीवियर सरीखी चीनी राखियों को इस बार देशी राखियों के बाजार ने चुनौती दी और चीनी कारोबार सिमटता नजर आया। कारोबारियों ने जाए चीन के दिल्ली, राजकोट, अहमदाबाद, कोलकाता, मुंबई आदि जगहों से माल मंगाया है।

व्यापारी बोले: 

  • राखी के थोक कारोबारी शिवम अग्रवाल का कहना है कि रक्षाबंधन पर्व पर इस बार देशी बाजार की धमक रही। कलावा को शुभ मानते हुए बहनों ने देशी स्टोन वाली रंगीन राखियां पसंद की।
  • राखी व्यापारी शेखर गुप्ता ने बताया कि आसपास के जिलों से आने वाले छोटे दुकानदारों ने भी चीन के म्यूजिकल आइटम की ओर ध्यान नहीं दिया।देशी राखियों को ही तरजीह बाहरी जिलों के दुकानदारों ने दी। 

पराग की मिठाई की ओर गया लोगों का ध्यान

कोरोना के खतरे को देखते हुए पराग प्रबंधन ने शुद्ध मिठाईयों की बिक्री शनिवार से अपने पांच बूथों पर शुरू कर दी थी। राजभोग, कलाकंद, मिल्क केक, गुलाब जामुन समेत कई उत्पाद जमकर बिके। पराग के प्रवक्ता डीपी सिंह ने बताया कि दुग्ध संघ के अध्यक्ष उमेश सिंह तोमर के निर्देश पर रक्षाबंधन पर्व पर पराग के विभिन्न आइटम लोगों ने पसंद किए। पराग फैक्ट्री गेट बूथ जापलिंग रोड, पीसीडीएफ पराग बूथ पार्क रोड, सीएसआई टावर गोमतीनगर, 1090 चौराहा और वेब सिनेमा बूथ पर मिठाई बिकीं। पांच सौ ग्राम पैकिंग में पराग पेड़ा, गुलाब जामुन, कलाकंद, राजभोग आदि मिठाईयां दो सौ में बेची गईं। वहीं पांच सौ ग्राम की पैकिंग में पराग पतीसा, मिल्क केक और बेसन के लड्डू दो सौ रुपये में लोगों ने खरीदा। इसके अलावा मिक्स मिठाई 400 रुपये किलो बिकी। सस्ती और गुणवत्ता युक्त होने के कारण लोगों ने इसे पसंद किया।


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