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राफेल विमान डील को बेवजह मुद्दा बना रही है कांग्रेस : राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा राफेल विमान डील में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद की सफाई के बाद अब इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। कांग्रेस इसको बिना बात का मुद्दा बना रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 08:36 AM (IST)
राफेल विमान डील को बेवजह मुद्दा बना रही है कांग्रेस : राजनाथ सिंह
राफेल विमान डील को बेवजह मुद्दा बना रही है कांग्रेस : राजनाथ सिंह

लखनऊ (जेएनएन)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 21वीं बैठक में वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों को केंद्र की ओर से सहायता दिये जाने पर सहमति बनी है। वहीं पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी संबंधित राज्यों और केंद्र के बीच रजामंदी बनी है। यह भी तय हुआ है कि राज्यों की जरूरतों के आधार पर उन्हें गतिविधियां संचालित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की गाइडलाइंस में लचीलापन लाया जाए। सड़कों के घनत्व को बढ़ाने और उनका उच्चीकरण करने पर भी सहमति बनी।
योजना भवन में हुई बैठक में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री राम सेवक पैकरा, उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ.दिनेश शर्मा और ग्राम्य विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेंद्र सिंह के अलावा केंद्र और संबंधित राज्यों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में योगी ने कहा कि उप्र के चंदौली और सोनभद्र जिले नक्सलवाद के लिहाज से संवेदनशील हैं। दोनों जिलों में सीआरपीएफ की तीन-तीन कंपनियां तैनात हैं। सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने इन कंपनियों को न हटाने की मांग की।

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बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि कुल 22 मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें से 17 का समाधान हो गया है। तीन मुद्दों को हल करने के लिए दिशानिर्देश दिये गए हैं। वहीं दो मामले लंबित हैं जिन्हें अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के सवा चार साल के कार्यकाल में अब तक क्षेत्रीय परिषदों की 12 बैठकें हो चुकी हैं। इनके अलावा स्टैंडिंग कमेटी की बैठकें भी हो चुकी हैं। इन बैठकों में कुल 680 मामलों पर विचार हुआ जिनमें से 428 मुद्दों का परस्पर बातचीत से हल निकाला जा चुका है। परिषद की अगली बैठक छत्तीसगढ़ में होगी।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा
-हवाई अड्डों की अवस्थापना सुविधाओं में सुधार।
-बस्तर में सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए मनरेगा की व्यवस्था में बदलाव।
-पोर्टा केबिन का छात्रावास की सुविधाओं से युक्त माध्यमिक विद्यालयों के रूप में उच्चीकरण।
-छत्तीसगढ़ में हवाई टैक्सी सेवा।
-छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के लिए विशेष पैकेज।
-अंतर्देशीय कंटेनर डिपो रायपुर में बिना टुकड़ों वाले स्क्रैप के आयात को मंजूरी।
-सीसीटीएनएस के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और नए कार्यालयों को शामिल करना।
-राज्यों में स्कूली शिक्षा से संबंधित मुद्दे।
-वन संरक्षित क्षेत्रों के गांवों को बाहर पुनस्र्थापित करने के लिए धनराशि का आवंटन।
-उप्र पावर कारपोरेशन की ओर से मध्य प्रदेश को बकाया राशि का भुगतान।
-बुंदेलखंड पैकेज के तहत राज्यों को केंद्र सरकार से बची हुई धनराशि जारी करना।
-राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति, 2005 से जुड़े मुद्दे।

ये मुद्दे सुलझाये गए
परिषद की इस बैठक से पहले इसकी स्थायी समिति की दो बैठकें रायपुर और नई दिल्ली में हुईं। इन बैठकों में परिषद की 20वीं बैठक के अनसुलझे विषयों में से 20 विषयों को सुलझाया गया जिनमें -
-रेलवे द्वारा नया रायपुर में पुरानी छोटी लाइन की भूमि की वापसी।
-कैम्पा की धनराशि जारी करना।
-कारागार आधुनिकीकरण योजना का तीसरा चरण।
-पर्यावरण संबंधी अनापत्ति जारी करते समय अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में संशोधन।
-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन से जुड़े मुद्दे।
-छात्रावास की सुविधा प्रदान करने के लिए मॉडल स्कूल स्कीम का पुनरीक्षण।
-निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन।
-प्रस्तावित नई परिवहन और सड़क सुरक्षा नीति प्रावधानों पर पुनर्विचार।
-उत्तर प्रदेश में भूमिगत जल का रीचार्ज।
-जमरानी बांध परियोजना को लेकर उप्र और उत्तराखंड के बीच समझौता ज्ञापन।
-उप्र पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा रेलवे कर्षण उप-केंद्रों के लिए ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण।
-नई रेलवे लाइन परियोजनाओं के लिए भू-अधिग्रहण
-क्षेत्रीय परिषद और उसकी स्थायी समिति में सचिव की भूमिका का पुनर्निर्धारण।

तीन मुद्दों को हल करने के लिए दिये गए दिशानिर्देश
-भागीरथी पर्यावरण संवेदी क्षेत्र की अधिसूचना में पायी गई विसंगतियों को दूर करने के दिशानिर्देश दिये गए।
-केंद्रीय पूल में मूल्य समर्थन योजना के तहत प्राप्त किये गए मोटे अनाज को बिना किसी शर्त के स्वीकार करने के मुद्दे को भी सुलझाने के निर्देश दिये गए।
-वन क्षेत्रों से गुजरने वाली बिजली की लाइनों को इन्सुलेट करने के मुद्दे पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से और फंड देने के लिए कहा गया है।

दो मामले लंबित
-अनाज के भंडारण के मानक से जुड़ा मुद्दा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से केंद्रीय कृषि मंत्रालय इसका समाधान करेगा।
- वनों से संबंधित स्वीकृतियां और अनापत्तियों से जुड़े मुद्दों पर यह तय हुआ कि केंद्र सरकार का पर्यावरण एवं वन मंत्रालय इस सिलसिले में राज्यों के साथ बैठक कर इनका निपटारा करेगा।

इस बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा कि राफेल विमान डील में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद की सफाई के बाद अब इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसको बिना बात का मुद्दा बना रही है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के स्पष्टीकरण के बाद अब इस मामले का पटाक्षेप हो चुका है। राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद का स्पष्टीकरण आ चुका है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि अगले लोकसभा चुनाव में फायदा लेने की मंशा से पार्टी बिना बात के मुद्दे को मुद्दा बना रही है। राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है, इसी कारण वह राफेल मामले को बेवजह मुद्दा बना रहा है।

कश्मीर का आतंकवाद पाकिस्तान से प्रायोजित

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर में आतंकवाद पर कहा कि अब कश्मीर की समस्या बढ़ नहीं रही है। वहां पर अब जो कुछ भी हो रहा है वह तो पाकिस्तान प्रायोजित है। हम उसपर भी जल्दी ही नियंत्रण कर लेंगे। विश्वास है कि यह मसला जरूर हल होगा। उन्होंने कहा हम सब से बात करने को तैयार हैं। जहां तक आतंकवाद का सवाल है तो वहां सभी सुरक्षा एजेंसियां परस्पर तालमेल के साथ काम कर रही हैं।

राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कश्मीर का आतंकवाद पूरी तरह से पाकिस्तान से प्रायोजित है। कश्मीर का जो भी आतंकवाद है पाकिस्तान से स्पॉन्सर्ड है। कश्मीर की समस्या का पूर्ण समाधान होगा। हमसे जो भी बात करना चाहता है हम तैयार हैं।

लखनऊ में विकास का हर काम अटल जी को समर्पित

इससे पहले लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने गोमतीनगर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इसको वह अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानते हैं। गृहमंत्री और सांसद राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ में विकास का हर काम अटल जी को समर्पित है। उन्होंने कहा अटल जी की प्रेरणा से ही उन्होंने संसद में गोमतीनगर स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए अलग प्रोजेक्ट बनाने का आग्रह किया था। यदि इसे बजट में शामिल किया जाता तो फिर इतना आलीशान स्टेशन को बनाना मुश्किल होता।

वह गोमतीनगर को रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विश्वस्तरीय बनाने की योजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन एनबीसीसी दो फेज में गोमतीनगर स्टेशन को तैयार करेगा। दो वर्ष में पहला चरण पूरा होगा जिसमें दो अतिरिक्त प्लेटफार्मों के साथ यात्री सुविधाओं वाले काम पूरे होंगे। दूसरे चरण में होटल व कर्मचारियों के रहने वाले आवास बनाए जाएंगे। यात्री स्टेशन आएंगे तो उनको इंतजार नहीं करना होगा। वह ट्रेन के समय रहते शॉपिंग मॉल में घूम सकेंगे खरीदारी भी करेंगे। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि रेलवे की परियोजनाओं से शहर का जाम कम हो जाएगा। रेलवे आलमनगर स्टेशन को टर्मिनल बना रहा है।

चारबाग स्टेशन पर सेकेंड एंट्री का विकास होगा। जिससे सदर, कैंट, पीजीआइ व तेलीबाग की ओर से आने वाले लोगों को चारबाग नहीं आना होगा। गोमतीनगर स्टेशन विकसित होने के बाद बड़ी संख्या में चारबाग जाने वाले यात्रियों की संख्या कम होगी। एनबीसीसी के जीएम एमके चावला ने कहा कि लगभग 1900 करोड़ रुपये से  गोमतीनगर जबकि करीब दो हजार करोड़ रुपए से चारबाग स्टेशन को तीन साल में विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। इस मौके पर पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे को जो बजट मिला है उससे गोमतीनगर स्टेशन पर सिग्नलिंग व ट्रैक बिछाने का काम होगा। यह काम मार्च 2019 तक पूरा हो जाएगा। यहां मेट्रो की तर्ज पर एकीकृत प्रवेश सिस्टम होगा। यहां पर केवल टिकट लेने वाले यात्री ही रेलवे स्टेशन पर प्रवेश कर सकेंगे। 


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