राज बब्बर ने कहा, विवेक तिवारी की हत्या के मामले में पुलिस का रोल संदिग्ध
राज बब्बर ने विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना से कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस प्रकरण की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
लखनऊ (जेएनएन)। एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली से मौत के बाद सियासत भी तेज हो गई है। आज उनके आवास लखनऊ में न्यू हैदराबाद कालोनी में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
पीडि़त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे राज बब्बर ने स्वर्गीय विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी से कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आप तथा परिवार का हाल जानने के साथ ही इस प्रकरण की पूरी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि इस भयंकर दुख की घड़ी में कांग्रेस सदैव आपके साथ है। विवेक तिवारी की नृशंस हत्या के मामले में लखनऊ पुलिस का रोल बेहद खराब है। पुलिस ने ड्यूटी के समय शराब के नशे में रहने वाले दोनों सिपाहियों का मेडिकल नहीं कराया। इसके साथ ही अन्य कई पहलुओं की पड़ताल नहीं की गई है। हत्या के दोनों आरोपी सिपाहियों ने शराब पी रखी थी। उन्होंने कहा कि हम इस घटना राजनीतिक रूप नहीं देना चाहते। हम लोग पीडि़त परिवार की स्वयं देखभाल करेंगे।
राज बब्बर ने कहा कि इस घटना के बाद विवेक तिवारी के फोन की घंटी बज रही थी। विवेक तिवारी की पत्नी से तहरीर न लेकर पुलिस ने विवेक की सहयोगी रहीं सना खान के साथ अपनी ही तहरीर में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस तो अंत तक सिपाहियों को बचाने में लगी हुई थी। इससे पहले भी मथुरा में बच्चे को एनकाउंटर में मार देने समेत कई घटनाओं में पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में। अगर मीडिया न होती तो विवेक को अपराधी बनाकर एनकाउंटर में मारने की बात कहती पुलिस। सना खान से भी सादे कगज पर दस्तखत कराए गए। मीडिया पूरे हत्याकांड का सच जनता के सामने लायी। इसके लिए मीडिया बधाई की पात्र है। रात में पुलिस वाले जनता के लिए नहीं लूट के लिए निकलते हैं।
राज बब्बर ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें। गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी अपने लोकसभा क्षेत्र की इस घटना के बाद भी खामोश हैं। राज बब्बर ने कहा कि अकेले कमाने वाले विवेक तिवारी के परिवार को सिर्फ 25 लाख का मुआवजा मिला। जबकि विवेक का सालाना वेतन ही करीब 35 लाख था, ऐसे में मुआवजे की धनराशि बढऩी चाहिए। राज बब्बर के साथ विधायक अराधना मिश्रा 'मोना' तथा विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह भी थे।