रेलवे को कोरोना से जंग का मिला ‘लाइसेंस’, सैनिटाइजर के लिए अल्कोहल की आपूर्ति की मंजूरी
चारबाग वर्कशॉप में बड़े पैमाने पर तैयार होगा सैनिटाइजर।
लखनऊ, (निशांत यादव)। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रेलवे अब बड़े पैमाने पर सैनिटाइजर भी बनाएगा। पिछले दिनों ट्रायल के रूप में रेलवे के चारबाग वर्कशॉप में सैनिटाइजर सीमित मात्र में बनाया गया था। अब आबकारी विभाग ने रेलवे को पांच साल के लिए अल्कोहल की आपूर्ति और भंडारण का लाइसेंस दे दिया है। इसके तहत सालाना 24 हजार लीटर अल्कोहल की आपूर्ति उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को आबकारी विभाग द्वारा की जाएगी। रेलवे अपने कर्मचारियों के लिए स्टॉक करने के साथ जरूरत पड़ने पर सैनिटाइजर स्वास्थ्य विभाग को भी देगा।
दरअसल, उत्तर रेलवे की जगाधरी वर्कशॉप ने कोरोना में उपचार के दौरान इस्तेमाल होने वाली ड्रेस बनाई है, जबकि लखनऊ में करीब 210 आइसोलेशन वार्ड वाली बोगियों को तैयार किया जा रहा है। रेलवे के चारबाग वर्कशॉप में कर्मचारियों के लिए मास्क बनाए जा रहे हैं। बाजार में सैनिटाइजर की कमी के बाद सीएमएस डॉ. विश्व मोहिनी सिन्हा के नेतृत्व में एक टीम ने डॉक्टर स्प्रिट से सैनिटाइजर बनाया था। हालांकि, यह बहुत सीमित मात्र में था। बड़े पैमाने पर मानक के अनुसार सैनिटाइजर तैयार करने के लिए रेलवे को अल्कोहल की जरूरत थी, जिसका लाइसेंस रेलवे के पास नहीं था।
इस पर उत्तर रेलवे लखनऊ के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने शासन को पत्र लिखा। इसमें बताया गया कि रेलवे सैनिटाइजर को बड़े पैमाने पर तैयार कर उसकी आपूर्ति भी कर सकता है। हालांकि, रेलवे के ही करीब 25 हजार कर्मचारी लखनऊ मंडल में हैं। आबकारी आयुक्त पी गुरु प्रसाद ने रेलवे को टर्शियरी ब्यूटाइल अल्कोहल, डिनाटोनियम बेंजोएट या आइसो प्रोपाइल अल्कोहल देने का लाइसेंस प्रदान किया है। लखनऊ के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि आबकारी विभाग ने उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को सैनिटाइजर में इस्तेमाल होने वाले अल्कोहल के भंडारण का लाइसेंस दिया है। अब रेलवे के वर्कशॉप में हम बड़े पैमाने पर सैनिटाइजर बना सकेंगे।