तीन महीने बाद भी नहीं जुड़ सका दक्षिण भारत से टूटा रेल नेटवर्क, यात्रियों को हो रही दिक्कत
पूर्वांचल के कई जिलों सहित लखनऊ के लोगों को रूट खुलने का इंतजार प्रवासियों के साथ निजी सेक्टर में जॉब करने वालों को हो रही दिक्कत।
लखनऊ, जेएनएन। हैदराबाद की एक निजी कंपनी में काम पर गोरखपुर से सटे गोपालगंज से आठ प्रवासियों को जाना था। इस रूट पर दक्षिण भारत के लिए कोई भी ट्रेन नहीं थी। लिहाजा उन्होंने दानापुर से हैदराबाद जाने वाली स्पेशल ट्रेन 02792 में तत्काल प्रीमियम कोटे से अपना आरक्षण कराया। गोपालगंज से आठ घंटे का सड़क से सफर कर वह दानापुर पहुंचे।
दक्षिण भारत के राज्यों की ओर काम पर लौटने की कोशिश कर रहे प्रवासियों की यह समस्या एक बानगी भर है। पिछले तीन महीने से लखनऊ ही नहीं पूर्वांचल के कई जिलों का रेल नेटवर्क दक्षिण भारत से कट गया है। रेलवे ने एक जून से देश भर के लिए जिन 100 जोड़ी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनों का संचालन बहाल किया। उसमें लखनऊ होकर एक भी ट्रेन दक्षिण भारत नहीं जा रही है। पूर्वांचल के जिलों और लखनऊ, उन्नाव, कानपुर व झांसी से बेंगलूर, चेन्नई, त्रिवेंद्रम, हैदराबाद सहित कई शहरों को प्रवासी और निजी सेक्टर में काम करने वाले लोग जाते हैं। जबकि महाराष्ट्र के नागपुर को भी जाने वाले कामगार इन टे्रनों का इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों नागपुर के वीएनआइटी जैसे शैक्षणिक संस्थान बंद चल रहे हैं। वहां पढऩे वाले छात्र लखनऊ में रहते हैं।
उनको भी हालात सामान्य होने पर वापसी के लिए ट्रेनों के चलने का इंतजार है। इसी तरह राजस्थान के लिए भी अब तक रेलवे की ओर से ट्रेनों को चलाने के आदेश नहीं दिए गए हैं।