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मेरठ और भदोही में हादसों को दावत देती निकल गईं कई ट्रेनें

वाराणसी-जंघई रेलखंड में सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन क्रासिंग के खुले फाटक से धड़धड़ाती निकल गई। मेरठ में कई ट्रेनें चार घंटे तक टूटे फाटक से गुजरतीं रहीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 09:05 PM (IST)
मेरठ और भदोही में हादसों को दावत देती निकल गईं कई ट्रेनें
मेरठ और भदोही में हादसों को दावत देती निकल गईं कई ट्रेनें

लखनऊ (जेएनएन)। आज कई ट्रेनें हादसों के करीब से होकर गुजरीं। वाराणसी-जंघई रेलखंड में सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन क्रासिंग के खुले फाटक से धड़धड़ाती निकल गई। मेरठ में शालीमार एक्सप्रेस, सुपर एक्सप्रेस, जनशताब्दी समेत कई ट्रेनें चार घंटे तक टूटे फाटक से गुजरतीं रहीं। इससे इतर शामली में इंजन की टक्कर से एक खाली खड़ी ट्रेन का डिब्बा क्षतिग्रस्त हो गया।

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मेरठ में टूटे फाटक से गुजरती रहीं ट्रेंनें

मेरठ के पावलीखास स्टेशन से कुछ दूर  शुक्रवार सुबह इलेक्ट्रॉनिक फाटक टूट जाने के कारण ट्रेनों का आवागमन बाधित हो गया। चार घंटे तक ट्रेनों को कॉशन (सावधानी) के साथ गुजारना पड़ा। इस दौरान शालीमार एक्सप्रेस, सुपर एक्सप्रेस, जनशताब्दी आदि ट्रेनें बाधित हुईं। पावली खास स्टेशन के '32 स्पेशल' फाटक नंबर का बैरियर टूट गया। गेटमैन ने इसकी सूचना पावलीखास स्टेशन को दी। इसके बाद ट्रेनों को रोक-रोककर चलाना पड़ा। जम्मू से दिल्ली जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस को पावलीखास स्टेशन पर रोकना पड़ा। मुंबई से आ रही देहरादून एक्सप्रेस को भी रोकना पड़ा। रेलवे सूत्रों का कहना है कि नई टेक्नोलॉजी से युक्त लगाए गए यह इलेक्ट्रॉनिक फाटक पहले से कमजोर हैं।

इंजन की टक्कर से डिब्बा क्षतिग्रस्त 

शामली में शुक्रवार सुबह शंटिंग के दौरान ट्रेन के इंजन की खाली खड़े डिब्बों में जोरदार टक्कर लग गई। एक डिब्बा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। रेलवे अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। रेलवे के यातायात निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि रात में एक पैसेंजर ट्रेन दिल्ली से यात्रियों को लेकर शामली आती है। यह ट्रेन शामली स्टेशन पर ही खड़ी हो जाती है। अगले दिन सुबह साढ़े छह बजे यह वापस यात्रियों को लेकर दिल्ली जाती है। शुक्रवार को लगभग पौने चार बजे चालक इंजन की शंटिंग कर रहा था। इंजन को एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाकर खाली डिब्बों से जोडऩा था। इस प्रक्रिया के दौरान चालक इंजन की गति पर काबू नहीं कर पाया और इंजन खाली डिब्बों से जा टकराया। गार्ड वाला डिब्बा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यातायात निरीक्षक ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। 

बंद नहीं हुआ फाटक और ट्रेन आ धमकी

वाराणसी-जंघई रेलखंड स्थित भदोही जिले के गजिया रेलवे फाटक पर शुक्रवार को उस समय बड़ा हादसा होने से बचा जब सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन का सिग्नल होने के बाद भी फाटक बंद नहीं किया जा सका। हालांकि चालक ने सक्रियता का परिचय देते हुए क्रासिंग से पूर्व ही ट्रेन को रोक दिया। दोपहर करीब दो बजे छपरा से दुर्ग की तरफ जा रही सारनाथ एक्सप्रेस का सिग्नल होने के बाद गेटमैन फाटक बंद करने लगा। लेकिन बूम के काफी नीचे आने के बाद भी वाहनों की आवाजाही बंद नहीं हुई। हालांकि मामले में ट्रेन चालक ने सक्रियता बरतते हुए क्रासिंग से पूर्व ही ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद रेलवे फाटक को बंद कर ट्रेन को भदोही स्टेशन की तरफ रवाना किया गया। स्टेशन मास्टर रविशंकर ने बताया कि दो बजे गेटमैन को गेट बंद करने को कहा गया था। हालांकि सड़क यातायात के दबाव के चलते वह फाटक बंद नहीं कर सका। जिसके बाद ट्रेन को फाटक से पूर्व ही रोक दिया गया था। 


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