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UP Railway: यूपी में 16 गुना तेजी से होगा रेल कनेक्टिविटी का विकास, रेल बजट में प्रदेश को मिले 17,507 करोड़

Railway In UP यूपी में अब रेल कनेक्टिविटी का विकास 16 गुना तेजी से होगा। रेल बजट में यूपी को 17507 करोड़ रुपए मिले हैं। 2009-14 में यूपी को रेल बजट में मात्र 1109 करोड़ रुपए म‍िले थे।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Wed, 08 Feb 2023 05:02 PM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 05:02 PM (IST)
UP Railway: यूपी में 16 गुना तेजी से होगा रेल कनेक्टिविटी का विकास, रेल बजट में प्रदेश को मिले 17,507 करोड़
Railway In UP: रेल बजट में यूपी को मिले 17,507 करोड़ रुपए

लखनऊ, जागरण संवाददाता। रेल बजट में उत्तर प्रदेश को 2009-14 की तुलना में 16 गुना ज्यादा बजट दिया गया है। 2009-14 के बीच जहां यूपी के हिस्से रेल बजट में सिर्फ 1,109 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी मिली थी तो वहीं मोदी सरकार ने अकेले 2022-23 में उत्तर प्रदेश को 16 गुना ज्यादा यानी 17,507 करोड़ रुपए का बजट दिया है। केंद्र सरकार ने इस बार रेलवे के लिए सबसे ज्यादा 2.4 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है।

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रेल मंत्रालय के अनुसार यह बजट 2013-14 के बजट का नौ गुना ज्यादा है।उत्तर प्रदेश में अभी 7,143 किलोमीटर लंबी नई लाइन पर 83 प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य चल रहा है, जिस पर करीब 94 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, 3831 किमी लंबी रेलवे लाइन के लिए 55 सर्वे किए जाने हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों को जोड़ने के लिए नई लाइन से जुड़े जो प्रोजेक्ट हैं, उनमें एक ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो है जिस पर 700 करोड़ खर्च किए जाएंगे।

इसी तरह बहराइच-श्रावस्ती और बलरामपुर-तुलसीपुर लाइन पर 390 करोड़ का खर्च आएगा। 2023-24 में एनर्जी कॉरिडोर के लिए नई लाइन हेतु 284 करोड़, जनजातीय गौरव कॉरिडोर (अंब्रेला 23-24) के लिए 284 करोड़, सहजनवा-दोहरीघाट के लिए 205 करोड़, देवबंद (मुजफ्फरनगर)-रुड़की के लिए 200 करोड़, मऊ-गाजीपुर-तारीघाट के लिए 150 करोड़, अंब्रेला प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़, आनंदनगर-घुगली के लिए 20 करोड़, पडरौना-कुशीनगर वाया गोरखपुर के लिए 10 करोड़ और मेरठ-पानीपत के लिए 30 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं।

कई स्टेशन के बीच होंगे गेज कन्वर्जेंस :गेज कन्वर्जेंस का काम को लेकर भी प्रदेश में काफी काम हो रहा है। इसके माध्यम से छोटी लाइन्स को बड़ी लाइन में परिवर्तित कर दिया गया है। इनमें मथुरा-वृंदावन के बीच लाइन पर 100 करोड़, लखनऊ-पीलीभीत वाया सीतापुर, लखीमपुर पर 100 करोड़, बहराइच-मैलानी बाइपास पर 50 करोड़, इंदारा-दोहरीघाट 35 करोड़, पीलीभीत-शाहजहांपुर तीन करोड़ और कानपुर-कासगंज-मथुरा की लाइन पर 50 लाख रुपए का खर्च किया जाएगा।


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