यूपी में उर्वरक संकट से निपटने के लिए कोटा तय, किसानों को नहीं मिलेगा 50 बैग से अधिक यूरिया
उत्तर प्रदेश में खरीफ जैसा उर्वरक संकट रबी सीजन में न होने पाए इसलिए 18 एकड़ तक जोत वाले किसानों को अधिकतम 50 बैग यूरिया उपलब्ध कराने का कोटा निर्धारित किया गया है। जमाखोरी रोकने के लिए पीओएस व बायोमीट्रिक मशीनों का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में खरीफ जैसा उर्वरक संकट रबी सीजन में न होने पाए, इसलिए 18 एकड़ तक जोत वाले किसानों को अधिकतम 50 बैग यूरिया उपलब्ध कराने का कोटा निर्धारित किया गया है। वहीं कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के उद्देश्य से उर्वरक विक्रेताओं के लिए पीओएस व बायोमीट्रिक मशीनों का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं को यह मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। नियमों का पालन न करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शाही ने दावा किया कि प्रदेश में आवश्यकता से अधिक यूरिया व अन्य उर्वरक का स्टाक मौजूद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिसंबर तक यूरिया की आवश्यकता 23 लाख मीट्रिक है, जिससे अधिक खाद मिल जाएगी। मांग शुरू होने से पहले ही 12.60 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इसके अलावा पांच लाख मीट्रिक टन का रिजर्व स्टाक भी मौजूद है। यूरिया के अलावा डीएपी व एनपीके भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सहकारी समितियों का भी जिलेवार कोटा निश्चित कर दिया गया है।
सभी विक्रेताओं को उपलब्ध करायी जाएंगी मशीनें : कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि विक्रेताओं की दुकानों के बाहर उर्वरक का विक्रय मूल्य अंकित करने और नवंबर माह के अंत तक पीओएस व बायोमीट्रिक मशीन संचालित करने के निर्देश दिए गए है। कई जिलों में यूरिया व डीएपी का अधिक मूल्य लिये जाने जैसी शिकायतें मिली हैं। वहां जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा गया है। जिला कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि उर्वरक व्यापारियों को पीओएस मशीनें चलाना सिखाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाए। जिन जिलों में नेटवर्क समस्या के कारण पीओएस मशीन का संचालन नहीं हो पा रहा था, वहां मोबाइल फोन के साथ बायोमीट्रिक मशीन को जोड़ा जाएगा।
प्राथमिक विद्यालयों का सुंदरीकरण : कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने गुरुवार को उर्वरक कंपनी के प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में प्राइमरी पाठशालाओं में कुर्सी, लाईट व पंखा स्थापित करने तथा पेंटिंग आदि कार्य 30 नवंबर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण किये जाने की निर्देश दिये। शाही ने इस अवसर पर जिलेवार उर्वरक वितरण व्यवस्था की भी समीक्षा की।