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पश्चिम यूपी के सात जिलों में मुलायम, अखिलेश और आजम के पुतले फूंके

लखनऊ। मेरठ और मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में आंदोलित लोगों ने कैबिनेट मंत्री आजम खां और सपा प्र

By Edited By: Published: Sun, 13 Oct 2013 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2013 09:35 PM (IST)
पश्चिम यूपी के सात जिलों में मुलायम, अखिलेश और आजम के पुतले फूंके

लखनऊ। मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर एकपक्षीय कार्रवाई, हिंदुओं के उत्पीड़न, भाजपा विधायकों और गुर्जर नेताओं पर रासुका लगाने के विरोध में पश्चिमी यूपी के सात जिलों में रावण, मेघनाद और कुंभकरण की जगह मुलायम, अखिलेश और आजम के पुतले दहन कर काला दशहरा मनाया गया। नंगला मुबारिक गांव में तो बड़ी तादाद में फोर्स की तैनाती के बावजूद महिलाओं ने घोषणा के मुताबिक नारेबाजी की और पुतले दहन किये।

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पांच अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा थाने के गांव नंगला मुबारिक की महिलाओं ने उत्पीड़न के खिलाफ मुलायम, अखिलेश व आजम खां के पुतले फूंकने के दौरान घोषणा की थी कि गांव मे काला दशहरा मनाते हुए इस बार बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाद व कुंभकरण नहीं बल्कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व दंगों के लिए जिम्मेदार कैबिनेट मंत्री आजम खां के पुतले दहन किये जाएंगे। पुलिस अगले ही दिन से पुतला दहन न करने के लिए हर तरह का दबाव बना रही थी लेकिन महिलाएं अडिग रहीं।

रविवार सुबह इंस्पेक्टर सिखेड़ा ने फोर्स के साथ गांव में गश्त की और ग्राम प्रधान समेत सैकड़ों लोगों के साथ बैठक कर पुतले न जलाने की अपील की। ग्रामीणों के आश्वासन के बावजूद उन्होंने भारी तादाद में फोर्स तैनात कर दी। करीब तीन बजे दर्जनों महिलाओं ने फोर्स को चकमा देकर तीनों नेताओं के पुतले जला दिए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी सुनकर फोर्स दौड़ी लेकिन तब तक तीनों पुतले जल चुके थे। मेरठ के दर्जन भर गांवों में भी पुतले फूंक कर सपा सरकार को जमकर कोसा गया।

उधर बागपत के लधवाड़ी गांव में भी विजयादशमी पर्व पर रावण के पुतले की जगह आजम का पुतला जलाया गया। पूरे गांव के लोगों ने एकजुट हो कर कहा, कि आज देश-प्रदेश की सबसे बड़ी बुराई रावण नहीं, बल्कि आजम खां हैं। गांव की एक चौपाल पर जमा लोगों ने कहा कि आजम खां की वजह से ही पश्चिमी यूपी दंगों की आग में झुलसा। इसके बाद भी उन्हीं के इशारे पर प्रशासन की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई। कहा कि आजम खां ने तो रावण को भी पीछे छोड़ दिया। इससे पूर्व लोगों व महिलाओं ने लाठी डंडों व जूतों से पुतले की पिटाई कर भड़ास निकाली।

मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में एक तरफा कार्रवाई को लेकर शामली के ग्रामीणों का गुस्सा भी शांत नहीं हुआ। गांव लिलौन व गोगवान जलालपुर में ग्रामीणों ने मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव व आजम खां के पुतले फूंककर सपा सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। सहारनपुर जिले में भी हिंदू संगठनों व गुर्जर समाज के लोगों ने गांव सहजवा में अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव व आजम खान के पुतले फूंके। ऐलान किया गया कि गांव दर गांव पुतले फूंककर सपा का बहिष्कार किया जाएगा। भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिव सेना व छात्र संगठनों, दर्जनों गांव प्रधान तथा गुर्जर समाज के प्रमुख लोगों की गांव सहजवा के काली मंदिर में हुई बैठक में हिंदू उत्पीड़न के विरोध में शीघ्र ही महापंचायत करने का भी निर्णय लिया गया। निर्णय लिया गया कि सपा का बहिष्कार कर आज से प्रत्येक गांव में मुख्यमंत्री, मुलायम सिंह यादव व आजम खान के रावण रुपी पुतलों का दहन किया जाएगा। हापुड़ जिले में धौलाना के गांव सपनावत में भी ग्रामीणों ने तीनों नेताओं के पुतला फूंके। बुलंदशहर जिले में गुलावठी क्षेत्र के कई गांवों में रावण-कुंभकरण की जगह अखिलेश व आजम खां के पुतले फूंके गए।

गौरतलब है कि मेरठ और मुजफ्फरनगर में एक पक्षीय कार्रवाई के विरोध में हिंदू समाज लगातार आंदोलनरत है। सहारनपुर में चौधरी विरेंद्र गुर्जर को रासुका में निरुद्ध करने से गुर्जर समाज भी सपा से बेहद नाराज है।

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