...और प्रियंका के साथ चल पड़ी कांग्रेस, लखनऊ समेत जगह-जगह प्रदर्शन व गिरफ्तारियां
सोनभद्र नरसंहार को माकूल मौका मानते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने यलगार कर दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में हार के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में कूदने को तैयार बैठीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को आखिरकार मौका मिल ही गया। सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रहीं प्रियंका की मीरजापुर में गिरफ्तारी के साथ ही प्रदेशभर में कांग्रेस सड़क पर उतर आई। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने सहित जगह-जगह पार्टीजन ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। इस आगाजी आंदोलन के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए नई भूमिका में उतरीं प्रियंका के साथ कांग्रेस ने कदम बढ़ा दिया है।
कांग्रेस पहले ही तय कर चुकी थी कि 2022 का विधानसभा चुनाव वह प्रियंका वाड्रा के चेहरे पर लड़ेगी। लिहाजा, वह पूरे सूबे पर नजर जमाए हुए थीं और जनता से जुड़े हर मुद्दे पर ट्वीट और अन्य जरियों से बयान जारी कर रही थीं, लेकिन मैदान में पार्टी कहीं नजर नहीं आ रही थी। इसी बीच सोनभद्र नरसंहार को माकूल मौका मानते हुए कांग्रेस महासचिव ने यलगार कर दिया। शुक्रवार को प्रियंका की मीरजापुर में गिरफ्तारी के साथ ही दिल्ली तक कांग्रेस हाईकमान सक्रिय हो गया। राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने देशभर में कार्यकर्ताओं को धरना-प्रदर्शन के निर्देश जारी कर दिए।
राजधानी में प्रदेश मुख्यालय में एमएलसी दीपक सिंह, विधानमंडल दल की उपनेता आराधना मिश्रा, विधायक नरेश सैनी, सुहेल अंसारी सहित पूर्व जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ पदाधिकारी पहुंच गए। कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने के बाद हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गए। यहां से नेताओं को गिरफ्तार कर पुलिस ईको गार्डन ले गई और शाम को रिहा कर दिया। इसी तरह प्रदेश के हर जिले में कांग्रेसियों ने धरना-प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दीं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रियंका की अगुआई में हुए इस पहले आंदोलन ने पार्टी को फिलहाल संघर्ष का एक मौका और ऊर्जा दे दी है।
प्रियंका को बलपूर्वक रोकना शर्मनाक : तिवारी
कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा सोनभद्र में शांति का संदेश देने जा रही थीं। नरसंहार में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने जाते समय सरकार ने उन्हें बलपूर्वक रोक कर गिरफ्तार कर लिया। इसका कोई लिखित नोटिस भी नहीं दिया। यह शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार विपक्ष के संवैधानिक दायित्व के निर्वहन में बाधा डाल रही है।
आज राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेसी
कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में मुलाकात करेगा।