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पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में, PGI, KGMU और LOHIA संस्‍थान के डॉक्‍टर करेंगे कार्य बहिष्‍कार

पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में सोमवार को पीजीआई केजीएमयू और लोहिया संस्‍थान के डॉक्‍टर कार्य बहिष्‍कार करेंगे।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 07:18 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 08:17 AM (IST)
पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में, PGI, KGMU और LOHIA संस्‍थान के डॉक्‍टर करेंगे कार्य बहिष्‍कार
पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में, PGI, KGMU और LOHIA संस्‍थान के डॉक्‍टर करेंगे कार्य बहिष्‍कार

लखनऊ, जेएनएन।  पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के बाद चल रहे देशव्यापी आंदोलन में शहर के चिकित्सक भी कूद पड़े हैं। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में जहां जूनियर डॉक्टरों ने कार्यबहिष्कार का एलान किया है, वहीं आइएमए की लखनऊ ब्रांच ने सोमवार को सभी नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर बंद करने का दावा किया है। यहां सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही रन करेंगी।

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आइएमए के लखनऊ ब्रांच के अध्यक्ष डॉ. जीपी सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं होगा। सोमवार को शहर के सभी क्लीनिक, निजी अस्पतालों की ओपीडी, पैथोलॉजी, डायग्नोस्टिक सेंटर बंद रहेंगे। यहां सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चलेंगी। 

ओपीडी में रहेंगे सीनियर डॉक्टर

पीजीआइ के आरडीए के अध्यक्ष डॉ. अजय शुक्ला, उपाध्यक्ष डॉ. अनिल, लोहिया संस्थान के आरडीए अध्यक्ष डॉ. गुरुमीत सिंह व केजीएमयू आरडीए के मुख्य सलाहकार डॉ. भूपेंद्र ने जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से एलान किया। वहीं, इनमें सीनियर डॉक्टर ओपीडी में मौजूद रहेंगे, जबकि जूनियर डॉक्टर ओपीडी, इलेक्टिव सर्जरी व वार्ड की ड्यूटी नहीं करेंगे। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं में ही सहयोग करेंगे। इसके अलावा तीनों सरकारी संस्थानों में धरना-प्रदर्शन होगा।

सरकारी अस्पतालों में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे डॉक्टर

लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अनूप अग्रवाल,  पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर एसोसिएशन ने भी आइएमए के नेतृत्व में बंदी का एलान किया है। वहीं, प्रांतीय सेवा संवर्ग के चिकित्सक अस्पतालों में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। 

24 सौ से ज्यादा ऑपरेशन टलने की आशंका

राजधानी में 12 सौ के करीब निजी अस्पताल हैं। इनमें से सभी में न्यूनतम दो सर्जरी रोजाना होती हैं। ऐसे में करीब 2400 ऑपरेशन टलने की आशंका है। वहीं, केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआइ में भी कई ऑपरेशन टलेंगे। वहीं, करीब दो हजार क्लीनिक हैं। ऐसे में ओपीडी से हजारों मरीज भी लौटेंगे। 

सरकारी अस्पतालों में अलर्ट

सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि निजी अस्पतालों की बंदी और सरकारी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर जिला अस्पताल व सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। गंभीर मरीजों के लिए लोहिया अस्पताल, बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल, भाऊराव देवरस, डफरिन, झलकारीबाई  अस्पताल को ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, क्लीनिकों की बंदी से निपटने के लिए शहर में खुली 52 अर्बन पीएचसी, 11 सीएचसी व आठ बीएमससी में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का दावा किया है। निजी अस्पतालों में आज जांच और इलाज रहेगा ठप

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