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NMC Bill : लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित, KGMU-लोहिया समेत निजी चिकित्‍सीयों में मरीज बेहाल

लखनऊ में आइएमए के चिकित्‍सकों का कार्य बहिष्‍कार। केजीएमयू और लोहिया संस्‍थान समेत निजी चिकित्‍सालयों में कार्य बहिष्‍कार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 10:47 PM (IST)
NMC Bill : लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित, KGMU-लोहिया समेत निजी चिकित्‍सीयों में मरीज बेहाल
NMC Bill : लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित, KGMU-लोहिया समेत निजी चिकित्‍सीयों में मरीज बेहाल

लखनऊ, जेएनएन। एनएमसी  ( नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल ) के विरोध में देश भर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( आइएमए ) के आहृवान पर देश भर में डॉक्‍टरों की हड़ताल हो रही है। लखनऊ में केजीएमयू और डॉ राम मनोहर लोहिया संस्‍थान में सुबह से ही हड़ताल रही। जूनियर डॉक्‍टरों ने काम ठप करके एनएमसी बिल के विरूद्ध प्रदर्शन किया। वहीं निजी अस्‍पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी में भी हड़ताल रही। जिसकी वजह से मरीज भटकते रहे। वहीं सुबह से ही मेडिकल कॉलेज में मरीजों का तांता लगा रहा, लेकिन काउंटर नहीं खुले। 

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एनएमसी बिल के विरोध में निजी अस्‍पतालों समेत केजीएमयू और लोहिया संस्‍थान में ओपीडी ठप रही। जिसकी वजह से मरीज बेहाल रहे। सुबह आठ बजे से ही काउंटर पर लोगों की भीड़ लगने लगी, लेकिन जूनियर डॉक्‍टरों ने ओपीडी चलने नहीं दी। पर्चा काउंटर पर भी पर्चे नहीं बने। तकरीबन दो घंटे तक यही हाल रहा। मरीजों के हंगामे के बाद जाकर किसी तरह से काउंटर खुलवाए गए और पर्चे बन पाए। 

सीनियर डॉक्‍टरों ने संभाली कमान 
लोहिया संस्‍थान में भी जूनियर डॉक्‍टरों ने हड़ताल की। केजीएमयू में भी जूनियर और सीनियर रेजिडेंट्स ने एनएमसी बिल के विरोध में रैली भी निकाली। वहीं केजीएमयू में किसी तरह से सीनियर डॉक्‍टरों नेओपीडी चलाई वहीं जूनियर डॉक्‍टर हड़ताल पर रहे। 

सीएमओ के निर्देश पर सरकारी अस्‍पतालों में अलर्ट 
केजीएमयू,  लोहिया संस्‍थान और निजी अस्‍पतालों में डॉक्‍टरों की हड़ताल को देखते हुए सीएमओ ने सरकारी अस्‍पतालों में अलर्ट जारी कर दिया है। बलरामपुर, सिविल और लोहिया समेत सभी अस्‍पतालों में मरीजों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखने लायक थी। यही हाल पैथोलॉजी और डॉग्‍नोस्टिक सेंटर का भी रहा। निजी क्षेत्र में हड़ताल के चलते मरीजों का रुख सरकारी अस्‍पतालों में रहा। जिसकी वजह से खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा। हड़ताल बुधवार सुबह छह बजे से शुरू हुई हड़ताल गुरुवार सुबह छह बजे तक जारी रहेगी।  

क्‍या है एनएमसी बिल 
अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी, लेकिन बिल पास होने के बाद एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा। बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है, जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।

 

किन बिंदुओं पर है विरोध 
NEXT एक्‍जाम की जगह पुरानी व्‍यवस्‍था लागू हो। इस बिल के अंतर्गत नॉन डिग्री धारकों को भी मेडिकल प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल जाएगी। जिससे स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में भारी गिरावट आएगी। इस बिल से ऐलोपैथिक, होम्‍योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण हो जाएगा। एविडेंस बेस्‍ड चिकित्‍सा में कमी आएगी। इस बिल से निजी मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसद सीट ही सरकार के नियंत्रण में होगी जिससे मेडिकल की पढ़ाई और महंगी हो जाएगी। केवल डब्‍ल्‍यूएचओ की मान्‍यता को पूरा करने के लिए कागजी तौर पर डॉक्‍टरों की संख्‍या बढ़ाने के लिए ये बिल पारित किया जा रहा है। इससे चिकित्‍सीय व्‍यवस्‍था चरमरा जाएगी। 

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