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UP Cabinet Meeting: थ्री पी माडल पर यूपी के 16 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कालेज, म‍िलेगी बड़ी राहत

UP Cabinet Meeting इन जिलों में सरकारी या प्राइवेट एक भी मेडिकल कालेज नहीं। ऐसे में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खुलने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यहां रोगियों को इलाज के लिए दूसरे शहरों की ओर दौड़ नहीं लगानी होगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:27 PM (IST)
UP Cabinet Meeting: थ्री पी माडल पर यूपी के 16 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कालेज, म‍िलेगी बड़ी राहत
UP Cabinet Meeting: नए खुल रहे राजकीय मेडिकल कालेज में फैकल्टी के 51 पद।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। UP Cabinet Meeting: यूपी में 16 जिलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप ( थ्री पी) माडल पर जल्द मेडिकल कालेज खोले जाएंगे। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेजों को खोलने को हरी झंडी दे दी गई। इन जिलों में अभी तक सरकारी या प्राइवेट कोई भी मेडिकल कालेज नहीं है। ऐसे में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खुलने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यहां रोगियों को इलाज के लिए दूसरे शहरों की ओर दौड़ नहीं लगानी होगी।

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जिन 16 जिलों में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज स्थापित किए जाएंगे उनमें बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली व श्रावस्ती शामिल हैं। मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी क्षेत्र की संस्थाओं को आमंत्रित किया जाएगा। निजी संस्थाओं के सामने मेडिकल कालेज खोलने के लिए जो प्रस्ताव रखे जाएंगे, उनमें पहले से चल रहे जिला अस्पताल को अपग्रेड कर नया मेडिकल कालेज बनाना शामिल है। इसमें अगर किसी जिले में 100 बेड का जिला अस्पताल है तो इन बेड पर पहले की ही तरह सरकार की ओर से मुफ्त इलाज की सुविधा होगी। वहीं प्राइवेट संस्था द्वारा जितने बेड बढ़ाए जाएंगे उनमें से भी 20 फीसद पर सरकारी अस्पताल की तरह ही इलाज की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। अगर कोई निजी संस्था जिला अस्पताल को अपग्रेड करने की बजाए पूरी तरह नए मेडिकल कालेज का निर्माण करना चाहती है तो भी उसे 20 फीसद तक बेड पर मुफ्त इलाज की सुविधा देनी होगी।

उधर प्रदेश में जल्द नौ नए राजकीय मेडिकल कालेजों को जल्द लोकार्पण होगा और 14 नए मेडिकल कालेजों की नींव रखी जाएगी। ऐसे में इन मेडिकल कालेजों में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की गाइडलाइन के अनुसार पदों को भरने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें हर मेडिकल कालेज में फैकल्टी के 51 पद और कर्मियों के करीब 1,300 पद सृजित करने को मंजूरी दी गई। ताकि आगे एनएमसी की मान्यता में कहीं कोई दिक्कत न आए। वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायबरेली में पहले से बने पुराने जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, अयोध्या के निर्माण की पुनरीक्षित बजट को मंजूरी दी गई।


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