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नीलाम होगी बलरामपुर की बजाज चीनी मिल की संपत्ति, गन्ना किसानों का 114 करोड़ रुपये है बकाया

किसानों की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बकाया वसूली के लिए 123 करोड़ रुपये की आरसी जारी की। जिसके बाद 50 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली गई है। जिसकी नीलामी प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा रही है। 8355 गन्ना किसानों का है बकाया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 02:12 PM (IST)
नीलाम होगी बलरामपुर की बजाज चीनी मिल की संपत्ति, गन्ना किसानों का 114 करोड़ रुपये है बकाया
शुक्रवार को 50 करोड़ की संपत्ति प्रशासन ने की कुर्क, 123 करोड़ की जारी है आरसी।

बलरामपुर, [अमित श्रीवास्तव]। बकायेदारी को लेकर बजाज चीनी मिल इटईमैदा का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है। 8355 गन्ना किसानों का 114 करोड़ रुपये बकाया है। भुगतान पाने के लिए किसान लगातार दौड़ रहे हैं। किसानों की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बकाया वसूली के लिए 123 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है। 50 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली गई है। नीलामी की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा रही है। उतरौला तहसील के इटईमैदा व ढोबाडाबर गांव के किसानों की जमीन खरीद कर चीनी मिल की नींव रखी गई। वर्ष 2007-2008 में पहला पेराई सत्र शुरू हुआ। तब से चीनी मिल किसानों से गन्ना खरीदती है। पहले गन्ना मूल्य भुगतान सामान्य रहा, लेकिन धीरे-धीरे किसानों का बकाया बढ़ता गया।

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वर्तमान में चीनी मिल पर किसानों का 114 करोड़ आठ लाख रुपये बकाया है। गन्ना सहकारी समिति का कमीशन 132.70 लाख रुपये की देनदारी है। चीनी मिल ने 12 दिसंबर 2020 तक आंशिक गन्ना मूल्य भुगतान किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद किसानों को संपूर्ण गन्ना मूल्य दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने 123 करोड़ की आरसी जारी कर दी। आरसी के खिलाफ चीनी मिल प्रशासन ने न्यायालय की शरण ले ली। दबाव बढ़ता देख प्रशासन ने चीनी मिल की संपत्ति कुर्क करनी शुरू कर दी। दूसरी तरफ चीनी मिल प्रशासन का कहना है कि आरसी का मामला न्यायालय में है। ऐसे में संपत्ति कुर्क कराना नियम विरुद्ध है। आरसी के बाद चीनी बिक्री से मिली रकम करीब 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

चल संपत्तियों की तैयार की जा रही सूची

उपजिलाधिकारी डा. नागेंद्र नाथ का कहना है कि संग्रह वसूली नियमों के तहत मिल और आवासीय परिसर की कुर्की नहीं की जा सकती है। खाली पड़ी जमीन, चीनी, शीरा कुर्क की गई है। इसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ है, जो प्रशासनिक कब्जे में है। शेष रकम की पूर्ति के लिए मिल की चल संपत्तियों की सूची तैयार की जा रही है। कुर्क संपत्तियों को नीलाम कर किसानों का भुगतान किया जाएगा।


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