Move to Jagran APP

Expert Opinion to Rise Oxygen Level: पेट के बल लेटकर बढ़ा सकते हैं पांच से 10 फीसद आक्सीजन लेवल

केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत त्रिपाठी कहते हैं कि जिनका आक्सीजन स्तर 94 व उसके ऊपर है उन्हें सिर्फ आइवरमेक्टिन व डाक्सीसाइक्लिन का डोज उप्र. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत लेना है। आक्सीजन स्तर 90 से ऊपर को भर्ती की जरूरत नहीं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:18 PM (IST)
Expert Opinion to Rise Oxygen Level: पेट के बल लेटकर बढ़ा सकते हैं पांच से 10 फीसद आक्सीजन लेवल
कोविड में एसपीओटू 90 से ऊपर होने पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं।

लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्रा]। इस बार का कोरोना संक्रमण इतना अधिक घातक है कि वह देखते ही देखते आक्सीजन स्तर (एसपीओटू) को तेजी से नीचे गिरा रहा है। इससे परिवार के अन्य लोगों में घबराहट पैदा हो रही है। वह अपने मरीजों की जान बचाने के लिए कंट्रोल रूम से लेकर सीएमओ दफ्तर तक का चक्कर काट रहे हैं। मगर बेड व आक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने से वह भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में लोग घर पर ही आक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम करने में जुटे हैं। मगर सभी को वह भी नहीं मिल पा रहा है। इससे समस्या विकराल हो चुकी है। मगर विशेषज्ञों के अनुसार जिनका आक्सीजन स्तर 90 से ऊपर है उन्हें भर्ती होने की जरूरत नहीं है। इसके नीचे आक्सीजन होने पर भी घर रहकर कुछ विशेष उपायों से जान बचाई जा सकती है।

loksabha election banner

केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत त्रिपाठी कहते हैं कि जिनका आक्सीजन स्तर 94 व उसके ऊपर है, उन्हें सिर्फ आइवरमेक्टिन व डाक्सीसाइक्लिन का डोज उप्र. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत लेना है। वहीं जिसका आक्सीजन स्तर 94 व 90 के बीच है, उनको आइवरमेक्टिन व डाक्सीसाइक्लिन के साथ स्टेराइड (डेक्सामेथासोन, मिथाइल प्रेडनीसोलोन) इत्यादि में से कोई डाक्टर के परामर्श के अनुसार लेना है। वहीं जिनका एसपीओटू 90 के नीचे जा रहा है, उनको अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। या फिर तब तक आक्सीजन सपोर्ट पर घर पर ही रहना चाहिए। दवाएं परामर्श के अनुसार लेते रहना है।

न भर्ती मिले न आक्सीजन तब क्या करें: डा. सूर्यकांत त्रिपाठी कहते हैं कि 90 के नीचे आक्सीजन का स्तर जाने पर मरीज को भर्ती होने की ही सलाह दी जाती है। मगर जब तक वह भर्ती नहीं होते, घर पर ही आक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करें। 

उपर्युक्त परामर्श के अनुसार अपनी दवाएं लेते रहें। साथ ही पेट के बल लेटकर प्रोन वेंटिलेशन करें। यानि कि सीने के पास मुलायम तकिया लगा लेटे हुए लंबी सांस लें और फिर छोड़ें इससे पांच से 10 फीसद तक आक्सीजन का स्तर बढ़ रहा है। घबराएं नहीं। परिस्थितियों का मुकाबला करें। कई डाक्टरों व मरीजों पर यह प्रयोग सफल रहा है। आक्सीजन जब 90 के ऊपर स्थिर हो जाए तो आक्सीजन सपोर्ट हटा सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.