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Priyanka Gandhi in Lucknow : प्रियंका का लखनऊ पुलिस पर आरोप- मेरा गला दबाकर रोका, धक्का दिया..फिर भी मैं नहीं रुकी

Priyanka Gandhi Vadra in Lucknow कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के वाहन को पुलिस ने रोका तो पैदल मार्च फिर दोपहिया वाहन पर सवार होकर दारापुरी के घर पहुंची।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 10:40 AM (IST)
Priyanka Gandhi in Lucknow : प्रियंका का लखनऊ पुलिस पर आरोप- मेरा गला दबाकर रोका, धक्का दिया..फिर भी मैं नहीं रुकी
Priyanka Gandhi in Lucknow : प्रियंका का लखनऊ पुलिस पर आरोप- मेरा गला दबाकर रोका, धक्का दिया..फिर भी मैं नहीं रुकी

लखनऊ, जेएनएन। एसपीजी सुरक्षा हटने के बाद से राजनीति में चर्चा का विषय बने गांधी परिवार की प्रियंका वाड्रा ने शनिवार को लखनऊ में सनसनी फैला दी। कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर लखनऊ पहुंचींं पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय नेहरू भवन में कार्यक्रम में शिरकत की। 

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पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के बाद कार्यालय से गुपचुप निकल कर कुछ पदाधिकारियों के साथ वह नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाने लगीं। पुलिस ने रास्ते में उनकी गाड़ी रोक दी। इससे बिफरीं प्रियंका पैदल ही चल पड़ीं। पुलिस धकियाती-जूझती रही, लेकिन वह रुकी नहीं और जुटते गए कार्यकर्ताओं के साथ करीब छह किलोमीटर का मार्च निकाल मंजिल तक पहुंचीं। यहां प्रियंका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की और उनका गला दबाया।

कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के बाद पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद तय था कि वह बाहर मैदान में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। तभी अचानक वह गाड़ी में बैठकर निकल गईं। घोषणा हुई कि दस मिनट में वह लौटकर आ रही हैं। कार्यकर्ता और पदाधिकारी कार्यालय में ही थे और प्रियंका कुछ वरिष्ठ कांग्रेसजन के साथ रिटायर्ड आइपीएस अफसर एसआर दारापुरी के इंदिरानगर स्थित आवास जाने के लिए रवाना हो गईं। भनक लगते ही पुलिस ने उनकी गाड़ी गोमतीनगर में फन मॉल के सामने रोक ली और पूछताछ शुरू कर दी कि कहां जा रही हैं। प्रियंका ने तर्क दिया कि वह कोई जुलूस नहीं निकाल रहीं, किसी के घर मिलने जा रही हैं। इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया।

पुलिस धकियाती-जूझती रही, लेकिन वह रुकी नहीं और जुटते गए कार्यकर्ताओं के साथ करीब छह किलोमीटर का मार्च निकाल मंजिल तक पहुंचीं। यहां प्रियंका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की और उनका गला दबाया। बता दें, राजधानी में बीते 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन मामले में रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी गिरफ्तार किए गए थे। 

प्रियंका कार से उतरीं और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर के साथ स्कूटी पर बैठकर पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंच गईं। फिर उतरकर पैदल चलने लगीं। यहां दो महिला सीओ ने उन्हें बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया लेकिन, वह रुकी नहीं। थोड़ी देर में ही कार्यकर्ताओं की भीड़ प्रियंका की हमकदम हो गई और उनका जत्था जुलूस में तब्दील हो गया। रास्ते में कई जगह उन्हें रोकने का प्रयास किया गया लेकिन, प्रियंका चलती रहीं और करीब छह किलोमीटर का सफर पैदल तय कर इंदिरा नगर सेक्टर-25 स्थित दारापुरी के आवास पहुंच गईं। प्रियंका ने यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि वह कोई मार्च नहीं निकाल रही थीं। फिर भी उन्हें रोका गया जिसकी पुलिस ने कोई वजह नहीं बताई। पुलिस ने उनसे मारपीट की, पकड़कर धक्का दिया और गला भी दबाया।

प्रियंका गांधी वाड्रा की पुलिस से हॉट टॉक 

कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के बाद पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद तय था कि वह बाहर मैदान में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। तभी अचानक वह गाड़ी में बैठकर निकल गईं। घोषणा हुई कि दस मिनट में वह लौटकर आ रही हैं। कार्यकर्ता और पदाधिकारी कार्यालय में ही थे और प्रियंका कुछ वरिष्ठ कांग्रेसजन के साथ रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी के इंदिरानगर स्थित आवास जाने के लिए रवाना हो गईं। भनक लगते ही पुलिस ने उनकी गाड़ी गोमतीनगर में फन मॉल के सामने रोक ली और पूछताछ शुरू कर दी कि कहां जा रही हैं। प्रियंका ने तर्क दिया कि वह कोई जुलूस नहीं निकाल रहीं, किसी के घर मिलने जा रही हैं। इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। इस दौरान पुलिस और प्रियंका गांधी वाड्रा की हॉट टॉक हुई। 

मारपीट की, पकड़कर धक्का दिया...गला भी दबाया :  प्रियंका

पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रियंका गांधी का गुस्‍सा फूटा। उन्‍होंने कहा कि बीच सड़क पर मुझे रोका गया। सारी गाड़ियां चल रही हैं, मुझे ही क्यों रोका गया ? क्योंकि मैं किसी के घर मिलने जा रही हूं। प्रियंका ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस तरह से पुलिस ने उन्हें रोका, उससे हादसा भी हो सकता था। हॉट टॉक के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ीं। कुछ दूरी पैदल मार्च करने के बाद वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर के साथ दोपहिया वाहन पर सवार होकर आगे बढ़ी। पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचते ही फिर उतरकर पैदल चलने लगीं। यहां दो महिला सीओ ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन, वह रुकी नहीं।

थोड़ी देर में ही कार्यकर्ताओं की भीड़ प्रियंका की हमकदम हो गई और उनका जत्था जुलूस में तब्दील हो गया। रास्ते में कई जगह उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन, प्रियंका चलती रहीं और करीब छह किलोमीटर का सफर तय कर इंदिरा नगर स्थित दारापुरी के आवास पहुंच गईं। प्रियंका ने यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि वह कोई मार्च नहीं निकाल रही थीं। फिर भी उन्हें रोका गया जिसकी पुलिस ने कोई वजह नहीं बताई। पुलिस ने उनसे मारपीट की, पकड़कर धक्का दिया और गला भी दबाया।

प्रियंका कर रहीं नौटंकी : सिद्धार्थनाथ

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की लखनऊ में पुलिस से हुई हुज्जत को राज्य सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने नौटंकी करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि 'यह परिवार झूठ पर ही पनप रहा है। थूको और भागो की थ्योरी उन्हें तात्कालिक प्रचार तो दिला सकती है, लेकिन वोट नहीं। प्रियंका गांधी की नौटंकी की निंदा की जानी चाहिए।

रिटायर्ड आइपीएस की पत्‍नी से मिलकर जाना हाल 

पॉलीटेक्निक चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस ने रोक लिया गया। इसके बाद वह कार में सवार होकर इंदिरानगर सेक्‍टर 18 तक पहुंची। यहां उनका काफिला जाम में फंस गया। इसपर प्रियंका पैदल मार्च करते हुए रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी के घर कड़ी मश्‍क्‍कत करने के बाद पहुंचींं और उनके परिवार से मिलीं। रिटायर्ड आइपीएस एसआर दारापुरी की पत्‍नी बातचीत कर प्रियंका गांधी ने उनको आश्‍वासन दिया कि जल्‍द ही उनके पति जेल से बाहर होंगे। उन्‍होंने कहा कि फिक्र न करें, आप खुद को मजबूत रखें...आपके पति जल्‍द बाहर होंगे। 

पुलिस की गलती नहीं : एडीजी कानून व्यवस्था

प्रियंका वाड्रा के आरोपों पर एडीजी कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने कहा कि उन्हें विशिष्ट श्रेणी की सुरक्षा हासिल है। उनके कार्यक्रम में किसी किस्म के बदलाव की जानकारी उनके सुरक्षा अधिकारियों को पुलिस को देनी चाहिए। जिला पुलिस के अधिकारियों ने प्रियंका वाड्रा से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही थी। इसमें उनकी कोई गलती नहीं प्रतीत होती है। एसएसपी लखनऊ इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। 

यह भी पढ़ें: Priyanka Gandhi In Lucknow: प्रियंका का BJP पर बड़ा हमला, कहा- दमनकारी विचारधारा की सरकार

भड़के कांग्रेस नेता, माफी मांगे सरकार 

इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता भड़क गए। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रियंका के साथ बदतमीजी भाजपा के इशारे पर हुई। सरकार माफी मांगे। पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया और जितिन प्रसाद ने भी घटना की निंदा की है।

मानवाधिकार आयोग से शिकायत 

प्रियंका वाड्रा द्वारा पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाए जाने के बाद बनारस के सामाजिक कार्यकर्ता लेनिन रघुवंशी ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की। आयोग ने शिकायत को स्वीकार भी कर लिया है।

आरोप, पुलिस ने धमकाए प्रियंका के सुरक्षाकर्मी 

कांग्रेस द्वारा आइजी सीआरपीएफ को पत्र लिखकर हजरतगंज सीओ अभय मिश्रा की भी शिकायत की है। आरोप लगाया है कि प्रियंका गोखले मार्ग पर जहां ठहरी हैं, वहां शनिवार सुबह हजरतगंज सीओ दर्जनभर पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे। बिना अनुमति आवास में घुसकर सुरक्षा घेरा तोड़ा और सुरक्षाकर्मियों से अभद्र व्यवहार कर उन्हें धमकाया भी।

गला दबाने जैसी बातें गलत : बोले एसएसपी कलानिधि नैथिनी

वहीं, प्रियंका से अभद्रता मामले में एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथिनी ने कहा कि क्षेत्र प्रभारी डॉ. अर्चना सिंह ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की कार एक अलग मार्ग के बजाय निर्धारित कार्यक्रम में नहीं चल रही थी। इसलिए उन्‍हें रोका जा रहा था। प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अभद्रता व गला दबाने जैसी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं बातें गलत हैं।


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