RTE के लिए बदली गाइडलाइन, जरूरतमंद बच्चों को देना होगा दाखिला
निजी स्कूलों की मनमानी पर शासन ने लिया फैसला। आरटीई को और प्रभावी बनाने के लिए की बदली गाइडलाइन।
लखनऊ, (संदीप पांडेय)। अब निजी स्कूल गरीब बच्चों को पढ़ाने में आनाकानी नहीं कर सकेंगे। उन्हें मान्यता के लिए अब विशेष शपथ पत्र देना होगा। इसके लिए शासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने 11 जनवरी को स्कूलों की मान्यता संबंधी नई गाइडलाइन जारी की है। बेसिक शिक्षा निदेशक को जारी पत्र राज्य के सभी बीएसए कार्यालयों को भेजा गया है। इसमें कक्षा एक से आठ तक के स्कूल को मान्यता के लिए गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिला की शर्त तय की गई है। इसके लिए स्कूल संचालक को आवेदन के साथ शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) की शर्तों को पालन करने संबंधी फॉर्म भरना होगा। साथ ही गरीब बच्चों के दाखिला संबंधी शपथ पत्र भी देना होगा।
किराए के भवन में नहीं चलेंगे स्कूल
बीएसए डॉ. अमरकांत ने कहा कि मान्यता संबंधी नया आदेश प्राप्त हो गया है। इसमें अब किराए के भवन में स्कूल की मान्यता पर भी रोक लगा दी गई है। इसके लिए सोसाइटी या खुद की मालिकाना हक वाली भूमि के दस्तावेज मुहैया कराने होंगे। वहीं पहले से किराए के भवन में संचालित स्कूलों को भी वर्ष भर में खुद की जमीन के दस्तावेज लगाने होंगे।
हर वर्ष आते हैं 250 आवेदन
बेसिक शिक्षा भवन में हर वर्ष 250 के करीब मान्यता के लिए आवेदन आते हैं। बीएसए डॉ. अमरकांत के मुताबिक अब नए नियमों से ही मान्यता प्रदान की जाएगी। इसके लिए आवेदनकर्ता से आरटीई से संबंधित शपथ पत्र लिया जाएगा।