इमरजेंसी व गर्भवती महिलाओं के इलाज में आनाकानी कर रहे निजी अस्पताल, तत्काल इलाज के हैं निर्देश
लखनऊ में निजी अस्पताल इमरजेंसी मरीजों को चिकित्सा मुहैया कराने में कोविड रिपोर्ट के इंतजार का बहाना कर रहे हैं। इससे गंभीर मरीजों की जान सांसत में पड़ रही है। इस वजह से कई मरीज अपनी जान भी गंवा रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। गंभीर मरीजों व गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर इमरजेंसी सेवाएं तत्काल मुहैया कराए जाने के निर्देश के बावजूद सरकारी व निजी अस्पताल लापरवाही बरत रहे हैं। इमरजेंसी मरीजों को चिकित्सा मुहैया कराने में कोविड रिपोर्ट के इंतजार का बहाना कर रहे हैं। इससे गंभीर मरीजों की जान सांसत में पड़ रही है। इस वजह से कई मरीज अपनी जान भी गंवा रहे हैं। बावजूद अस्पतालों में कोरोना के बहाने मरीजों को इमरजेंसी चिकित्सा उपलब्ध कराने में लापरवाही का आलम जारी है।
गुरुवार को एक ऐसा ही मामला बलरामपुर अस्पताल में सामने आया। जहां परिवारजनों का आरोप है कि इमरजेंसी केस होने के बावजूद मरीज को होल्डिंग एरिया में रखकर 24 घंटे तक डॉक्टरों ने मरीज को हाथ नहीं लगाया। रायबरेली निवासी 45 वर्षीय मरीज अशोक की जीभ कट जाने के बाद परिवारजन उन्हें बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। आरोप है कि डॉक्टर व स्टॉफ ने मरीज को पहले कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में छुआ तक नहीं। रिपोर्ट निगेटिव आने बाद भी कोई भी डॉक्टर नहीं आया। मरीज की इमरजेंसी सर्जरी तक नहीं की गई। इसके बाद परिवारजन मजबूरन गुरुवार शाम मरीज को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर गए। तीमारदारों ने मामले की शिकायत सीएम से करने की बात कही है।
सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पता कराया जाएगा। अगर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह अन्य सरकारी व निजी अस्पताल भी मरीजों को इमरजेंसी सेवाएं देने में आनाकानी कर रहे हैं। जबकि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर का साफ निर्देश है कि गंभीर मरीजों व गर्भवती महिलाओं को आपातकालीन चिकित्सा मुहैया कराने में कोविड रिपोर्ट के इंतजार का बहाना नहीं चलेगा। उनकी कोविड जांच कराएं। मगर उसके बहाने तात्कालिक चिकित्सा मुहैया कराने में देरी नहीं की जा सकती। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तत्काल चिकित्सा मुहैया कराना होगा। मगर इन निर्देशों की हर जगह धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।