COVID-19 Situation in Lucknow: कोविड से महिला की मौत, पति आईसीयू में; अस्पताल बोला शव ले जाओ
कोरोना एक परिवार पर रविवार कहर बनकर टूटा। गोमतीनगर के एक अस्पताल में महिला की मौत हो गई। महिला के पति आईसीयू में भर्ती हैं। घर पर दो छोटे बच्चे हैं और अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को ही महिला का शव ले जाने का फरमान सुना दिया।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के कारण बिगड़ चुके लखनऊ के हालात के बीच एक परिवार पर रविवार कहर बनकर टूटा। गोमतीनगर के एक अस्पताल में महिला की मौत हो गई। महिला के पति आईसीयू में भर्ती हैं।घर पर दो छोटे बच्चे हैं और अस्पताल प्रशासन ने बच्चो को ही महिला का शव ले जाने का फरमान सुना दिया। हालांकि मामला सामने आते ही कुछ लोगो ने सोशल मीडिया पर प्रशासन से मदद मांगी।
प्रशासन ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। राणा यशवंत नाम से बने ट्विटर एकाउंट से जानकारी दी गई कि लखनऊ के विशाल खंड तीन स्थित प्राइड हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर में नीतू श्रीवास्तव नाम की महिला की मौत कोरोना से हो गई है। पति आईसीयू में क्रिटिकल हैं। घर पर दो बच्चे ही हैं और अस्पताल कह रहा है कि शव ले जाइए। बच्चें शव कैसे ले जाएं और उनका अंतिम संस्कार कैसे हो। प्रशासन की तरफ से इसका इंतजाम किया जाए। हालाकि अस्पताल प्रशासन महिला की कोरोना की जगह अन्य बीमारी से मौत होने की बात कहकर पल्ला झाड़ता रहा।।इस बारे में जब अस्पताल के डॉक्टर प्रसून से सम्पर्क किया गया तो उनका फोन नही उठा।
नहीं मिला इलाज, अस्पताल गेट पर महिला की तड़प तड़प कर गई जान: तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद अस्पतालों के हालात में सुधार नहीं हो रहा है। इलाज न मिलने पर मौतों का सिलसिला जारी है। रविवार को फिर ऐसा ही मामला बलरामपुर अस्पताल का सामने आया। कई बार कॉल करने पर भी एम्बुलेंस न मिलने पर दोपहिया वाहन से अस्पताल पहुंची महिला को अंदर प्रवेश नहीं मिला। चंद मिनट बाद महिला की हालत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर वहीं गिर गई। राहगीरों के मुताबिक मौक़े से ही कई बार सरकारी एंबुलेंस पर काॅल किया गया, मगर एंबुलेंस न मिलने पर महिला को निजी एंबुलेंस मंगाकरर सिविल भेजा गया। वहां पर डाॅक्टरों ने महिला को मत घोषित कर दिया।बताया जा रहा है कि त्रिवेणी नगर की रहने वाली 40 वर्षीय महिला को बुखार आया था। उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। तीमारदार साढे तीन बजे से 108 एंबुलेंस सेवा पर काॅल करते रहे। वहां से उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
फिर मरीज की जान बचाने के लिए परिजन उसे बाइक से बिठाकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। आॅक्सीजन न मिलने से महिला मरीज की हालत रास्ते मे ही बिगड़ने लगी थी। बलरामपुर गेट पर गार्डों ने नाॅन कोविड मरीज होने की वजह से अंदर नहीं लिया। इस दौरान महिला बाइक से नीचे रोड पर गिर गई। यह नजारा देख उधर से गुजर रहे राहगीरो ठहर गए। उन्होंने ने भी सरकारी एंबुलेंस को काल किया, मगर नहीं मिली। आखिर में निजी एंबुलेंस में आॅक्सीजन लगाकर उसे सिविल भेजा गयां। वहां इमरजेंसी में मौजूद डाॅक्टर ने ईसीजी करने बाद उसे मत घोषित कर दिया।