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लखनऊ जेल में पहले ब्लेड से काटा गला, इलाज के दौरान चकमा देकर केजीएमयू से हुआ फरार

लखनऊ जिला कारागार में हत्या के मामले में बंद कैदी ने हफ्ते भर पहले ब्लेड काटा था अपना गला। हालत गंभीर होने पर उसे पहले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे केजीएमयू में रेफर कर दिया गया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 11:31 PM (IST)
लखनऊ जेल में पहले ब्लेड से काटा गला, इलाज के दौरान चकमा देकर केजीएमयू से हुआ फरार
सुरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों के खिलाफ लापरवही बरतने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। जिला जेल में ब्लेड से अपना गला काटने वाला हत्यारोपित कैदी सत्यवीर बुधवार को सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को चकमा देकर केजीएमयू से फरार हो गया। उसने हफ्ते भर पहले 18 जनवरी को जिला जेल में ब्लेड से अपना गला काट लिया था। हालत गंभीर होने पर उसे पहले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे केजीएमयू में रेफर कर दिया गया था। केजीएमयू के सर्जरी वार्ड में वह भर्ती था। मामले में पुलिस ने कैदी सत्यवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं, सुरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों के खिलाफ लापरवही बरतने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

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इंस्पेक्टर चौक कुलदीप दुबे ने बताया कि कैदी सत्यवीर को केजीएमयू के सर्जरी वार्ड में 19 जनवरी से भर्ती था। उसने जिला जेल में बीती 18 जनवरी को रात में ब्लेड से अपना गला काट लिया था। इसके बाद उसे बलरामपुर में भर्ती कराया गया था। बलरामपुर में इलाज के बाद उसे अगले दिन केजीएमयू रेफर कर दिया गया था। केजीएमयू के सर्जरी वार्ड में भर्ती था। उसकी सुरक्षा में महानगर कोतवाली के सिपाही रवि कुमार और आशियाना थाने के सिपाही योगेश को तैनात किया गया था। बुधवार सुबह करीब 6ः30 बजे लघुशंका जाने की बात कहकर सत्यवीर बेड से उठकर गया था उसके बाद नहीं लौटा। काफी तलाश के बाद भी जब उसका पता न चला तो मामले की जानकारी सिपाहियों ने अधिकारियों को दी। इसके बाद सत्यवीर के खिलाफ देर शाम मुकदमा दर्ज किया गया। फिर दोनों सिपाहियों के खिलाफ लापरवाही बरतने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।

तीन साल पहले हत्या के मामले में भेजा गया था जेल : सत्यवीर को तीन साल पहले 18 नवंबर 2018 को विभूतिखंड थाने से हत्या के मामले में जेल भेजा गया था। सत्यवीर के खिलाफ विभूतिखंड थाने के अलावा गोंडा जनपद के अलावा कई अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि सत्यवीर की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

सिपाहियों ने देर से दी कैदी के भागने की सूचना : कैदी सुबह केजीएमयू से सर्जरी वार्ड से भागा था। वहीं, ड्यूटी में तैनात सिपाहियों ने इसकी तत्काल सूचना थाने और अधिकारियों को नहीं दी। पहले वह खुद से खोजबीन करते रहे। जब कुछ पता न चला तो दोपहर बाद थाने को कैदी सत्यवीर के भागने की जानकारी दी।

जेल से भागने की सोची समझी साजिश तो नहीं : एक हफ्ते पहले जेल में ब्लेड से अपना गला काटना यह कैदी सत्यवीर की भागने की सोची समझी साजिश की ओर इशारा करती है। जेल में गला काटना और अस्पताल में भर्ती होकर भाग जाना। यह साजिश की ही पुष्टि कर रहे हैं। इस पूरे कांड में जेल कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि कैदी के गला काटे जाने की जानकारी जेल कर्मियों ने घटना के बाद गोसाईगंज पुलिस को भी नहीं दी थी। जेल में कैदी के पास ब्लेड कैसे आयी। यह भी एक बड़ा सवाल है। जेल अधिकारी भी पूरे मामले में चुप्पी साधे रहे।


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