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लखनऊ में बंदी ने जेल में जान दी, पुलिस पर डकैती के झूठे मामले में फंसाने का आरोप

गोसाईगंज पुलिस पर डकैती में फंसाने का आरोप लगाते हुए बंदी रुपेश ने सोमवार देर रात जिला जेल में फांसी लगा ली। शौचालय में रोशनदान के सहारे गमछे उसका शव लटका मिला। दो माह पूर्व उसे गोसाईगंज थाने से डकैती के मामले में जेल भेजा गया था।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:20 PM (IST)
लखनऊ में बंदी ने जेल में जान दी, पुलिस पर डकैती के झूठे मामले में फंसाने का आरोप
जेल मुख्यालय के प्रवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि बंदी की बैरक से एक सुसाइडनोट मिला है।

लखनऊ, जागरण टीम। गोसाईगंज पुलिस पर डकैती में फंसाने का आरोप लगाते हुए बंदी रुपेश ने सोमवार देर रात जिला जेल में फांसी लगा ली। शौचालय में रोशनदान के सहारे गमछे उसका शव लटका मिला। दो माह पूर्व उसे गोसाईगंज थाने से डकैती के मामले में जेल भेजा गया था। बंदी की बैरक से एक सुसाइडनोट मिला है। जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस पर प्रताडऩा का आरोप लगाया है। उधर, घटना की जानकारी पर पहुंचे बंदी के परिवारीजन ने जेल के बाहर जमकर हंगामा किया। 

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जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि रूपेश मूल रूप से सीतापुर के बिसवां जलालपुर गांव का रहने वाला था। बीते 12 अगस्त को गोसाईगंज पुलिस ने उसे डकैती के मामले में जेल में दाखिल किया था। सोमवार रात खाना खाने के बाद सर्किल एक के हाता नंबर चार बैरक में वह सोया था। देर रात 12 बजे पहरा ने उसे जेल के शौचालय में उसे फंदे पर लटका देखा। पहरा से मिली जानकारी के बाद जेल अस्पताल से डाक्टर को बुलाकर परीक्षण कराया गया। डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया गया।

मामले की जानकारी उच्चाधिकरियों को देकर मजिस्ट्रेट को दी गई। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उधर, सूचना पर पहुंंचे मृतक के भाई राकेश व अन्य परिवारीजन ने जेल के बाहर जमकर हंगामा किया। उन्होंने हत्या का आरोप लगाया है। उधर, बिसवां थाने पहुंचे परिवारीजनों ने भी पुलिस और जेल प्रशासन पर प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। 

सुसाइड नोट में खुद को बताया निर्दोषः जेल मुख्यालय के प्रवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि बंदी की बैरक से एक सुसाइडनोट मिला है। उसमें उसने खुद को निर्दोष बताते हुए। जेल भेजे जाने के कारण आत्महत्या की बात लिखी है। उसे जेल प्रशासन से कोई शिकायत नहीं थी। डीआइजी जेल के स्तर पर पूरे मामले की विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। 

व्यवसायी के मुनीम से 35 लाख की डकैती के मामले में भेजा गया था जेलः इंस्पेक्टर गोसाईगंज अमरनाथ विश्वकर्मा के मुताबिक जानकीपुरम निवासी लोहा व्यवसायी रिपन कंसल के मुनीम से बीते दो अगस्त को 35 लाख रुपये की लूट हुई थी। पड़ताल में पता चला कि रुपेश व सोहराब ने लूट की थी। करीब सात लोग जेल गए थे। वारदात में प्रयुक्त कार और 28 लाख रुपये भी दोनों की निशानदेही पर बरामद किए गए थे। पुलिस के पास दोनों के खिलाफ साक्ष्य थे उसके आधार पर गिरफ्तार कर 12 अगस्त को जेल भेजा गया था। 

मेरे भाई ने नहीं की लूट, जेल में उसकी हुई हत्याः रूपेश के भाई राकेश ने बताया कि उसने भाई ने लूट नहीं की थी। गांव के ही सोहराब और जलालुद्दीन उसे गाड़ी चलाने के लिए ले गए थे। उन्होंने कहा था कि एक मरीज लेकर लखनऊ चलना है। उसके बाद अगर उन लोगों ने लूट की तो मेरे भाई की क्या गलती है। पुलिस ने भाई को गलत तरीके से फंसाकर जेल भेज दिया। जेल में भाई की हत्या कर दी गई।


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