लखनऊ जिला जेल से चकमा देकर फरार हुआ कैदी, हत्या के मामले में काट रहा था सजा
कैदी यशवंत तीन साल पहले मार्डन जेल में आया था। वह मूल रूप से सीतापुर के मनापुर संगत महमूदाबाद का रहने वाला है। वह हत्या के मामले की सजा काट रहा था। शनिवार को उसे जेल कर्मी रविंद्र यादव की निगरानी में काम के लिए जिला जेल भेजा गया था।
लखनऊ, जेएनएन। जिला जेल में रंगाई-पुताई का काम कर रहा सजायाफ्ता कैदी यशवंत उर्फ ननई शनिवार को जेल प्रशासन को चकमा देकर फरार हो गया। घटना से जिला जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने रात तक मामला दबाए रखा। उन्होंने घोर लापरवाही बरतते हुए न तो गोसाईगंज थाने में कैदी के फरार होने की सूचना दी और न ही जेल मुख्यालय के अधिकारियों को। रात जब मुख्यालय से डीजी आनंद कुमार को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने जिला जेल अधिकारियों को जमकर फटाकार लगाई। इसके बाद गोसाईगंज थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
रंगाई-पुताई के लिए भेजा गया था जिला जेल
जानकारी के अनुसार कैदी यशवंत तीन साल पहले मार्डन जेल में आया था। वह मूल रूप से सीतापुर के मनापुर संगत महमूदाबाद का रहने वाला है। वह हत्या के मामले की सजा काट रहा था। शनिवार को उसे जेल कर्मी रविंद्र यादव की निगरानी में काम करने के लिए जिला जेल भेजा गया था। करीब 11 बजे वह साथी कैदियों से लघुशंका जाने की बात कहकर बहाने से बाहर निकला। दो घंटे तक न लौटने पर कैदियों ने इसकी सूचना जेल कर्मचारियों को दी। इसके बाद जेल प्रशासन के अधिकारियों के होश उड़ गए। देर शाम तक उसकी तलाश करते रहें पर कुछ पता न चला। रात में जब यह खबर सोशल मीडिया पर चली तो जिला जेल के अधिकारियों ने मुख्यालय को इसकी जानकारी दी।
तलाश के लिए बनी चार टीमें, डीआइजी को सौंपी गई जांच
फरार कैदी यशवंत उर्फ ननई के मामले की जांच डीजी ने डीआइजी संजीव त्रिपाठी को सौंपी है। इसके अलावा कैदी की तलाश में जिला जेल की चार टीमें लगाई गई हैं। एक टीम कैदी के रिश्तेदारों और घर परिवार वालों से संपर्क कर रहा है। एक टीम कैदी के महमूदाबाद सीतापुर स्थित घर भेजी गई है। रात चारबाग और ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर भी एक टीम कैदी की तलाश करती रही। पर देर रात तक कैदी का कुछ पता नहीं चल सका।