नाम ही नहीं प्रतिभा से भी मुमताज है लखनऊ की बेटी, प्रधानमंत्री ने भी किया सम्मानित
लखनऊ की मुमताज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सम्मानित किया
लखनऊ[विकास मिश्र]। मुमताज यानी विशिष्ट। नाम से तो कोई भी मुमताज हो सकता है, लेकिन अपने नाम के अनुरूप मुकाम हासिल करना विरलों के ही बूते का होता है। लखनऊ की मुमताज ने यह कर दिखाया। रविवार को जब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लखनऊ की मुमताज खान को सम्मान और छह लाख का पुरस्कार मिला तो अंतरराष्ट्रीय स्पद्र्धा यूथ ओलंपिक में भारतीय टीम को रजत पदक दिलाने में अहम रोल निभाने वाली मुमताज ही नहीं, मामूली पृष्ठिभूमि से निकलकर ख्याति अर्जित करने वाली हर युवती के लिए खुद को मुमताज महसूस करने का अवसर था। हालांकि, मुमताज को राज्य सरकार से अभी ऐसे ही सम्मान की दरकार है।
सोमवार को जब मुमताज लखनऊ पहुंची तो उसके परिवार और दोस्तों में आसमां चूम लेने की खुशी थी। मुमताज ने जिन परिस्थितियों में यह उपलब्धि हासिल की वह नजीर है। एक लड़की, वह भी पर्दादारी के हिमायती समाज से ताल्लुक और तीसरे एक सामान्य सब्जी विक्रेता के परिवार में जन्म। इन परिस्थितियों में मुमताज ने जो मुकाम हासिल किया वह आसान नहीं था। इसका श्रेय जाता है, मुमताज के पिता और उनकी हॉकी कोच नीलम सिद्दिकी को।
शहर के तोपखाना बाजार में रहने वाले हफीज खान की पांच बेटियां और एक बेटा है। तीसरे नंबर पर मुमताज हैं। हफीज खान सब्जी बेचकर किसी तरह घर का खर्च चलाते हैं, लेकिन इस होनहार बेटी के लिए वह कोई कोर कसर उठाकर नहीं रखते।
दौड़ लगाती थी, कोच ने थमाई हॉकी स्टिक
मुमताज स्कूल के दिनों से ही रनिंग में रुचि रखती थी। वर्ष 2011 में वह आगरा में आयोजित दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर शीर्ष पर रही। तब उसकी उम्र महज 10 वर्ष थी। इसी दौरान हॉकी कोच नीलम सिद्दिकी की उस पर नजर पड़ी। उन्होंने उसे हॉकी खेलने की सलाह दी। पिता ने भी यह सलाह मानी। 2014 में लखनऊ हॉस्टल में प्रवेश मिलने के बाद मुमताज नीलम सिद्दिकी से प्रशिक्षण लेने लगीं। इसी साल मई में उसे जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए यूपी टीम में पहली बार जगह मिल गई। इस चैंपियनशिप में शानदार खेल की बदौलत मुमताज का चयन थाइलैंड में आयोजित अंडर-18 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में हुआ। इसके बाद उसकी सफलता का न थमने वाला सिलसिला चल निकला।
2016 में पहली बार भारतीय जूनियर टीम में बनाई जगह
कई बड़े टूर्नामेंट में अपने दमदार खेल का लोहा मनवा चुकी मुमताज को फरवरी 2016 में दिल्ली हॉकी अकादमी में प्रवेश मिला। नीलम सिद्दिकी ने बताया कि ट्रेनिंग के महज दो साल के भीतर अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेलना आसान नहीं है। यूथ ओलंपिक में मुमताज ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही वह भारतीय सीनियर टीम में खेलती नजर आएगी।
यूथ ओलंपिक में छा गईं मुमताज
हाल ही में अर्जेंटीना में हुए यूथ ओलंपिक 2018 में जूनियर भारतीय टीम ने जबर्दस्त खेल का प्रदर्शन किया। पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया को खिताबी मुकाबले में मेजबान अर्जेंटीना से 3-1 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत के लिए एकमात्र गोल मुमताज खान ने खेल के महज 40वें सेकंड में दागकर टीम का खाता खोला। इस बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लखनऊ की मुमताज खान ने कुल 12 गोल दागकर सुर्खियां बटोरी। टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन के लिए भारतीय टीम ने खूब वाह-वाही लूटी।
क्या कहते हैं खेल निदेशक ?
खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि यूथ ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में मुमताज ने विश्व की सभी बड़ी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किए। निश्चित रूप से उनके इस खेल से लखनऊ के साथ पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है। राज्य सरकार भी जल्द ही नियमानुसार उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित करेगी।