Move to Jagran APP

दिन में तीन बार सेल्फी से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्णय पर भड़के बेसिक शिक्षक, गुपचुप विरोध शुरू

बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के मकसद से इसके अंतर्गत संचालित कार्यक्रमों की अब मासिक समीक्षा होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 06:03 PM (IST)
दिन में तीन बार सेल्फी से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्णय पर भड़के बेसिक शिक्षक, गुपचुप विरोध शुरू
दिन में तीन बार सेल्फी से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्णय पर भड़के बेसिक शिक्षक, गुपचुप विरोध शुरू

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में शिक्षा का ढांचा मजबूत करने के लिए शिक्षकों पर शिकंजा कसे जाने से वह लोग भड़क गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेरणा ऐप तथा प्रेरणा वेब पोर्टल लॉन्च किया था। अभी इसका प्रयोग शुरू भी नहीं हुआ है कि तीन बार 3 सेल्फी के नियम से शिक्षक भड़के हुए हैं। सरकार ने शिक्षकों को कहा हाजिरी के लिए दिन में तीन भेजें, जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं।

loksabha election banner

बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के मकसद से इसके अंतर्गत संचालित कार्यक्रमों की अब मासिक समीक्षा होगी। शासन ने हर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 18 सदस्यीय जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति गठित की है। जिसके सदस्य सचिव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होंगे।

केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को मापने के लिए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स प्रणाली विकसित की है। इसके तहत लर्निंग आउटकम, स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं समेत 70 संकेतक निर्धारित किए गए हैं। समिति की यह जिम्मेदारी होगी कि वह महीने में एक बार बैठक कर जिले में बेसिक शिक्षा के कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा करे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।

समिति प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड की गई सूचना के विश्लेषण के आधार पर शिक्षकों और विद्यालयों की समीक्षा करेगी। परिषदीय स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्रों-शिक्षकों की उपस्थिति के साथ बच्चों के शैक्षिक मूल्यांकन के आधार पर स्कूलों की ग्रेडिंग पर भी नजर रखेगी। समिति समेकित शिक्षा कार्यक्रम के तहत विशिष्ट आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों के लिए जिलों में संचालित एक्सीलरेटेड लर्निंग कैंप के संचालन की समीक्षा करेगी। यह भी देखेगी कि समेकित शिक्षा कार्यक्रम के अनुसार कितने बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा गया है।

समिति बच्चों को सरकार की ओर से दी जाने वाली किताबों, यूनीफॉर्म, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्वेटर का समय से वितरण वितरण और नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही करेगी। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय भुगतान की स्थिति पर भी नजर रखेगी। शारदा पोर्टल के आधार पर आउट ऑफ स्कूल बच्चों का स्कूलों में नामांकन और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा भी करेगी।

इसके अलावा इस बात की पड़ताल भी की जाएगी कि कितने स्कूलों में किन-किन कारणों से खाना नहीं बना। परिषदीय सकूलों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए चलाये जा रहे ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों को अवस्थापना सुविधाओं से लैस करने के लिए कार्यवाही भी करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के लिए 'प्रेरणा ऐप' और 'प्रेरणा वेब पोर्टल' लॉन्च किया। इस ऐप के जरिए स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यानी शिक्षकों को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए स्कूल के सामने अपनी दिन में 3 बार सेल्फी लेनी होगी। जैसे ही इस ऐप की जानकारी शिक्षकों को मिली वह प्रेरणा ऐप से हाजिरी दर्ज कराने को लेकर नाखुश नजर आए। जिसके बाद ऐप को लेकर कई शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।'प्रेरणा ऐप' और 'प्रेरणा वेब पोर्टल' लॉन्च होने के साथ ही ये जरूरी कर दिया था कि शिक्षक दिन में 3 बार अपनी सेल्फी खींच कर इन पोर्टल पर अपलोड करें।

शिक्षकों का कहना है कि जब मंत्री, विधायक, डीएम, सांसद समेत कई ऊंचे पदों पर कार्य कर रहे हैं लोग सेल्फी लेकर हाजिरी नहीं दे रहे हैं तो हमसे क्यों कहा जा रहा है। सरकार का कहना है कि कई शिक्षक पढ़ाने में लापरवाही बरतते हैं ऐसे में यह नियम जरूरी है।

क्या है 3 सेल्फी का फंडा

'प्रेरणा ऐप' और 'प्रेरणा वेब पोर्टल' पर अब प्राइमरी शिक्षकों को दिन में तीन बार, सुबह-दोपहर-शाम को सेल्फी लेनी होगी। सेल्फी कुछ इस तरह की लेनी होगी कि पीछे स्कूल दिखे। दोपहर में बच्चों को मिड डे मील खिलाते हुए सेल्फी लेनी होगी। वहीं स्कूल छुट्टी के बाद छात्रों के साथ एक सेल्फी लेनी होगी।

शिक्षकों ने बताया मानसिक प्रताडऩा

शिक्षकों का कहना है कि जहां सरकार इस बात का दावा करती है कि स्कूलों में पहले से बेहतर शिक्षा दी जा रही है वहीं ऐसे नियम लाकर शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताडि़त भी कर रही है। ऐसे में इस चीज का समाधान जल्द से जल्द निकालना चाहिए।

क्या है इस ऐप में खास

इस ऐप की खास बात यह भी है कि यह सेल्फी लेते वक्त अध्यापक की लोकेशन भी बताएगी, और तो और एक ही सेल्फी को दोबारा भेजने पर भी ऐप से पता चल जाएगा। लॉन्च के पहले ही दिन कई जगह इस ऐप के गड़बड़ होने की शिकायतें भी मिली हैं फिर भी काफी लोगों ने इस ऐप के जरिए स्कूल में उपस्थिति की सेल्फी भेजी है।

इससे बढ़ रहा बोझ

इस नई व्यवस्था को लेकर अध्यापकों में पहले से भी गुस्सा है। अध्यापकों का मानना है कि सरकार धीरे-धीरे उनके ऊपर काम के बोझ के साथ-साथ इस तरह की चीजें भी लाद रही है जिसका खर्च भी उन्हें स्वयं वहन करना पड़ता है। अध्यापकों के ग्रुप में फैसला किया है कि वह इसका विरोध करेंगे और जब तक कि सरकार उन्हें किसी भी सरकारी काम के लिए कोई भत्ता या फिर मोबाइल का इंतजाम करके नहीं देती। तब तक अपने निजी मोबाइल के जरिए सूचनाएं सरकार को नहीं भेजेंगे।

सीएम ने पढ़ाया पाठ

शिक्षक दिवस पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ में अध्यापकों को कई तरह के कामों का पाठ पढ़ाया। सीएम योगी आदित्यनाथ में सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य से आव्हान किया कि वह स्कूल में विशेष रूप से अनुशासन और सफाई रखने के लिए पहल करें। अगर उनके स्कूलों में पेड़ पौधे जो कि पुराने हो चुके हैं, और बड़े हैं उनकी वजह से कोई गंदगी या अव्यवस्था फैल रही है तो उनको हटाकर स्कूल की साफ सफाई रखरखाव का प्रबंध करें। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.