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उत्तर प्रदेश में फिर पत्ते फेंटेगी कांग्रेस, संगठन का पूरा ढांचा खड़ा होने के पहले ही बदलाव की तैयारी

यूपी कांग्रेस पार्टी में जिन जिला और शहर अध्यक्षों को संगठन की कमान सौंपी गई थी उनमें से कई को पैदल करने की तैयारी कर ली गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 01:21 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 11:05 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में फिर पत्ते फेंटेगी कांग्रेस, संगठन का पूरा ढांचा खड़ा होने के पहले ही बदलाव की तैयारी
उत्तर प्रदेश में फिर पत्ते फेंटेगी कांग्रेस, संगठन का पूरा ढांचा खड़ा होने के पहले ही बदलाव की तैयारी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटी कांग्रेस जमीन स्तर तक संगठन को दुरुस्त कर लेना चाहती है। यही वजह है कि कुछ समय पहले ही जिन जिला और शहर अध्यक्षों को संगठन की कमान सौंपी गई थी, उनमें से कई को पैदल करने की तैयारी कर ली गई है। टीम प्रियंका उनके काम से खुश नहीं है। इसी तरह प्रदेश कार्यकारिणी में भी कुछ फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।

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लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही प्रदेश की सभी जिला और शहर इकाइयों को भंग कर दिया। फिर कई महीनों की मशक्कत के बाद खुद प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा द्वारा परखे जाने के बाद लगभग सौ संगठनात्मक इकाइयों में जिला और शहर अध्यक्षों की तैनाती की गई।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कोरोना के संकट काल में भी प्रदेश कांग्रेस द्वारा जो अभियान चलाए गए, उनमें जिला-शहर इकाइयों की सहभागिता पर टीम प्रियंका की निगरानी रही। कुछ जिला और शहर अध्यक्षों की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई है। उसी के आधार पर उन्हें बदलकर नए अध्यक्षों की तैनाती की जा रही है। नाम लगभग तय हो चुके हैं, जिन पर जल्द ही दिल्ली से मुहर लगने वाली है। इसी के साथ बचे हुए अध्यक्षों का मनोनयन भी होने जा रहा है।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि अब जिलों की कार्यकारणी घोषित होने वाली हैं।

जिन जिला-शहर की कार्यकारिणी घोषित न हो, समझिए कि वहां के अध्यक्ष बदले जाने हैं। इसके साथ ही प्रदेश की टीम में भी प्रवक्ताओं सहित कुछ को बदला जाना संभावित है। वहीं, महिला और युवा विंग के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव प्रस्तावित है। अब तक महिला अध्यक्ष जोनवार बनाई जाती थीं, जबकि अब प्रदेश में एक ही महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष होंगी। युवाओं में भी यही फार्मूला अपनाया जाना है।

बसपा की तर्ज पर विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों पर दांव : बसपा चुनाव के काफी पहले ही विधानसभा या लोकसभा कोऑर्डिनेटर घोषित कर देती है। माना जाता है कि वही प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि इसी तरह कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव 2022 के काफी पहले तीन सौ विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो उम्मीदवारों को तैयारी में लगा देगी। फिर उनमें से जिसका भी परिणाम बेहतर नजर आएगा, उसे ही चुनाव में टिकट देने पर विचार किया जाएगा।


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