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क्वीनमेरी में दर्द से तड़पती रही गर्भवती, कोरोना के डर से इलाज के लिए नहीं आए डॉक्टर

लखनऊ के क्वीनमेरी अस्पताल में गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही कोरोना के डर की वजह से डॉक्टरों ने नहीं देखा मृत बच्चे को दिया जन्म।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 06:48 AM (IST)
क्वीनमेरी में दर्द से तड़पती रही गर्भवती, कोरोना के डर से इलाज के लिए नहीं आए डॉक्टर
क्वीनमेरी में दर्द से तड़पती रही गर्भवती, कोरोना के डर से इलाज के लिए नहीं आए डॉक्टर

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के क्वीन मैरी महिला अस्पताल में एक प्रसूता के परिवारजनों ने डॉक्टरों पर संवेदनहीनता का गंभीर आरोप लगाया है। तीमारदारों के अनुसार शनिवार को भर्ती हुई प्रसव पीड़िता को डाक्टरों ने अपने हाल पर छोड़ दिया और रविवार को उसे जब तेज प्रसव पीड़ा हुई तो कोई भी उसके पास नहीं फटका।

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आरोप है कि दर्द से कराहती और तड़पती गर्भवती डॉक्टर-डॉक्टर कहकर आवाज लगाती रही। मगर किसी भी डॉक्टर या नर्स का दिल नहीं पसीजा।ऐशबाग निवासी आरती पत्नी करन कुमार को तीन-चार दिनों से प्रसव पीड़ा हो रही थी। सबसे पहले वह एक निजी अस्पताल में पत्नी को ले गए। वहां दिनभर रहने के बाद डॉक्टरों ने कहा अभी बच्चा नहीं होगा। लिहाजा वापस चले गए। दूसरे दिन शनिवार को फिर निजी अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने महिला को रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल जाने के लिए कह दिया। वहां पहुंचने पर अस्पताल में कोरोना का संक्रमण होने की बात कह महिला को क्वीन मैरी में रेफर कर दिया गया। पति करन के मुताबिक यहां महिला को भर्ती कर लिया गया, लेकिन उसकी उचित देखभाल नहीं की गई। कहा गया कि महिला कोरोना पॉजिटिव है। इसके बाद उसके नजदीक कोई भी नहीं जा रहा था।

रविवार को तेज प्रसव पीड़ा होने पर महिला के बुलाने के बाद भी कोई डॉक्टर व नर्स नहीं आया। लिहाजा स्वयं ही महिला ने एक मरे हुए बच्चे को जन्म दिया। आरोप है कि खून से लथपथ महिला तब भी डॉक्टर और नर्स को आवाज लगाती रही। मगर उसकी कोई नहीं सुन रहा था। काफी देर बाद एक नर्स आई और सफाई करके बच्चे को महिला से अलग किया। अब महिला केजीएमयू में भर्ती है। जहां उसकी हालत सामान्य है।

क्वीन मैरी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षिका डॉक्टर एसपी जैसवार ने बताया कि महिला कोरोना पॉजिटिव थी। जांच में पता चला कि उसके पेट में पहले से ही बच्चा मरा हुआ है। 40 हफ्ते की प्रेगनेंसी थी। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार उसका सामान्य प्रसव कराया गया। परिवारजनों का आरोप निराधार है।


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