लखनऊ, जेेेेेएनएन। शादी के बाद हुनैजा को जब पता चला कि वह मां बनने वाली है तो उसकी खुशियों का ठिकाना न रहा। खुशियां दोगुनी हो गईं जब पता चला कि बच्चे जुड़वा हैं। दंपती ने आंगन में जुड़वा बच्चों की किलकारियों के सपने संजो लिए। उनकी खुशियां काफूर हो गईं जब पता चला कि पांच महीने पूरे करते ही गर्भ में एक बच्चे की सांसें थम चुकी थीं। हुनैजा का यह सोचकर ही दिल बैठ गया कि तीन महीने से ज्यादा वक्त से उसकी कोख में एक मृत बच्चा है। डिलिवरी होने के पहले 12 दिन तक वह जिस मनोदशा से गुजरी, उसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। मंगलवार को जब डिलीवरी हुई तो हुनैजा की आंखों में एक बच्चे की मौत का गम छलक रहा था, तो दूसरे बच्चे ने खुशी के आंसू ला दिए।
कैंपवेल रोड, सआदतगंज निवासी हुनैजा की शादी पिछले साल नवंबर में हुई थी। प्रेग्नेंसी का पता चलने के बाद अगस्त में डफरिन में कार्ड बनवाकर मायके चली गई। बीते 28 नवंबर को मायके में पैथोलॉजी में पता चला कि एक बच्चा पांचवें महीने में ही मर चुका है। कहीं दूसरे बच्चे और मां की जिंदगी को खतरा न हो, इसलिए परिजनों ने उसे 29 नवंबर को डफरिन में भर्ती करा दिया। डफरिन हॉस्पिटल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. नीरा जैन ने बताया कि सुबह-शाम दवाओं के साथ उसकी काउंसिलिंग भी की जाती रही ताकि वह मानसिक तौर पर खुश रहे।
अलग-अलग थैली में थे बच्चे
डॉ. नीरा जैन ने बताया कि दोनों बच्चे अलग-अलग थैली में थे, इसलिए एक के मृत होने के बाद भी दूसरी थैली में दूसरा बच्चा पल रहा था। यही वजह थी कि दूसरे बच्चे व मां को कोई संक्रमण नहीं हुआ।
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