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पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लिए बनाई जा सकेगी सटीक दवा

सीडीआरआइ के वैज्ञानिकडॉ. काशिफ हनीफ को इस शोध के लिए आइसीएमआर के डॉ.डीएन प्रसाद मेमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्‍मानित किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 08:03 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 08:03 AM (IST)
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लिए बनाई जा सकेगी सटीक दवा
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लिए बनाई जा सकेगी सटीक दवा

लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। सियाचिन जैसी ऊंचाई पर तैनात सैन्य कर्मी हों या क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीडि़त मरीज जो कि 'पल्मोनरी हाइपरटेंशन' की समस्या से जूझ रहे उनके लिए राहत की खबर है। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) के वैज्ञानिकों ने पल्मोनरी हाइपरटेंशन के एक कारक का पता लगाने के साथ ही पहला एनीमल मॉडल भी तैयार किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके चलते पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लिए सटीक दवा विकसित करने में मदद मिलेगी।

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सीडीआरआइ के फार्माकोलॉजी विभाग के डॉ. काशिफ हनीफ को इस शोध के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के डॉ. डीएन प्रसाद मेमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

डॉ. हनीफ बताते हैं कि पल्मोनरी हाइपरटेंशन यानी फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में रक्तचाप (बीपी) में वृद्धि एक जानलेवा रोग है। सियाचिन जैसी ऊंचाई वाले क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों व धूम्रपान करने वालों में पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या आम है। मरीजों में सांस फूलना, स्लीप एप्निया, थकावट, छाती में दर्द, पैरों में सूजन और दिल का बढ़ जाना जैसी गंभीर समस्याएं हो जाती हैं।

डॉ. हनीफ बताते हैं कि भारत में इस रोग को समझने के लिए कोई प्रयास ही नहीं हुआ। पल्मोनरी हाइपरटेंशन के प्रयोगात्मक मॉडल की कमी थी। इसलिए पल्मोनरी हाइपरटेंशन की पैथोफिजियोलॉजी को समझने के लिए डॉ. हनीफ के साथ उनकी टीम नीतू सिंह व गुरप्रीत कौर ने चूहे का मॉडल तैयार किया।

बढ़ जाता है एफएएस एंजाइम

डॉ. हनीफ ने शोध में पहली बार दिखाया कि फैटी एसिड सिंथेस (एफएएस) नामक एंजाइम की गतिविधि पल्मोनरी हाइपरटेंशन में बढ़ जाती है। एंजाइम को रोक दिया जाए तो पल्मोनरी हाइपरटेंशन का उपचार संभव है। यह भी पता लगा कि पीएआरपी-1 क्षतिग्रस्त डीएनए की मरम्मत करने वाला एंजाइम है। मुख्य योगदान पल्मोनरी हाइपरटेंशन में फैटी एसिड की भूमिका की खोज करना है।

बीपी व हृदय संबंधी रोगों में वनस्पतियां प्रभावी

डॉ. हनीफ ने बताया कि बीपी व हृदय संबंधी रोगों में वनस्पतियों के प्रभाव पर भी अध्ययन किया गया। पाया गया कि भारतीय वनस्पतियों में ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी रोगों के उपचार की क्षमता है। औषधीय पौधा अश्वगंधा पल्मोनरी हाइपरटेंशन में असरदार है।


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