Power Workers Strike: हड़ताली विद्युत संगठनों के 22 नेताओं पर एस्मा का मुकदमा, 1332 कर्मियों की सेवाएं समाप्त
UP Electricity Workers Strike बिजली आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ाने पर सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। असंवैधानिक हड़ताल कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल 22 नेताओं के विरुद्ध एस्मा के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: हड़ताल से प्रदेशभर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ाने पर सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मियों के विरुद्ध शनिवार को कड़ी कार्रवाई आरंभ कर दी। कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों के क्रम में असंवैधानिक हड़ताल की अगुवाई कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल 22 नेताओं के विरुद्ध एस्मा (आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। छह नेताओं को निलंबित करने के साथ ही उन्हें लखनऊ के बाहर भेजने के आदेश किए गए हैं।
आजमगढ़ व देवरिया समेत कुछ अन्य स्थानों पर बिजली आपूर्ति को बाधित करने वाले 29 लोगों के विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज की गई है। इसके अलावा हड़ताल पर गए 1332 संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। शाम छह बजे तक दी गई मोहलत में काम पर न लौटने वाले और कर्मियों की भी सेवाएं समाप्त की जा रही है।
बिजली कर्मियों की 16 मार्च रात 10 बजे से शुरू हुई हड़ताल से राज्य की लड़खड़ाई बिजली आपूर्ति व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ ही विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले अराजक बिजली कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और बिजली आपूर्ति व्यवस्था को हरहाल में दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शनिवार को भी संघर्ष समिति के नेताओं से वार्ता कर हड़ताल को समाप्त करने का प्रयास किया गया पर वे नहीं माने। हाई कोर्ट द्वारा हड़ताल को जनहित के विरुद्ध व राष्ट्र विरोधी कहे जाने के बाद भी इंटरनेट मीडिया पर हड़ताल के समर्थन में कुछ संदेश व वीडियो प्रसारित किए जाने की बात सामने आई है। यह हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। इसमें भी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 27 से 28 हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है जबकि मांग इसकी आधी ही है। लिहाजा बिजली की उपलब्धता को लेकर किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कुछ जिलों में आंधी, तूफान एवं बारिश से बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई जिसे ठीक किया जा रहा है। हड़तालियों एवं असामाजिक तत्वों द्वारा कुछ जगह बिजली आपूर्ति में व्यवधान डालने की कोशिश की गई है। कुछ जगहों पर विद्युत संयंत्रो, लाइनों, फीडरों, सबस्टेशन, हाइटेंशन लाइन को क्षतिग्रस्त किया गया है। इसमें देवरिया के हेतिनपुर जंगल तथा आजमगढ़ के लाल घाट के क्षेत्र में ऐसी घटनायें हुई है। ऐसी घटनाओं में लिप्त उपद्रवियों को चिह्नित कर कठोर दंड दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि जबरदस्त घाटे के बावजूद हम बिजली कर्मियों की मांगों को भी पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन विद्युत कर्मियों की बेबुनियाद एवं राष्ट्र व जन विरोधी हड़ताल को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। मंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने में एनटीपीसी के अलावा टाटा, बजाज व अन्य संगठनों ने मैनपावर देकर उत्पादन को चालू रखने में सरकार की मदद की है। मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी हड़ताल जारी रखे जाने को लेकर उन्हें झटका जरूर लगा है लेकिन हड़ताल विफल ही है।
आइटीआइ-पालीटेक्निक के छात्रों काे करेंगे भर्ती
मंत्री ने कहा कि हड़ताल पर गए संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा समाप्त करने के बाद उनके स्थान पर नए लोगों के चयन की व्यवस्था भी की जा रही है। उनके स्थान पर आइटीआइ, पालीटेक्निक व इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों की सूची लेकर भर्ती करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे छात्रों को अपरेंटिस पर रखकर आगे बढ़ाया जाएगा। विभिन्न कंपनियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।