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ओवर लोडिंग से कराह रहे उपकेंद्र, बिजली को चाहिए 'घर Lucknow News

लखनऊ में चरमरा रही है बिजली व्‍यवस्‍था। कहीं जमीन नहीं तो कही बजट की कमी आड़े आ रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:25 PM (IST)
ओवर लोडिंग से कराह रहे उपकेंद्र, बिजली को चाहिए 'घर Lucknow News
ओवर लोडिंग से कराह रहे उपकेंद्र, बिजली को चाहिए 'घर Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। ओवर लोडिंग से बिजलीघर यानी उपकेंद्र कराह रहे हैं। पुराना लखनऊ हो या नया लखनऊ। बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जरूरत है, उपकेंद्रों की संख्या बढ़ाने की। इसके लिए चाहिए भारी भरकम बजट, जो बिजली महकमे के पास पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा कहीं जमीन का पेंच फंसा हुआ है तो कहीं  ठेकेदार की ढिलाई के कारण काम रुका हुआ है। कुल मिलाकर आम उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। 

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राजधानी में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए एक दर्जन नए बिजली घर खोलने के लिए खाका तैयार किया गया था। फिलहाल कागजों पर चल रही उपकेंद्रों के खोलने की कवायद सालों बाद भी पूरी नहीं हो सकी। वृंदावन, अमीनाबाद, पॉलीटेक्निक, गोमती नगर, विक्रमादित्य मार्ग, लाटूश रोड, विभूति खंड, इंदिरा नगर के कई सेक्टर, नाका, बांसमंडी  के आसपास बिजली की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। वहीं जो नए उपकेंद्र बनाने के वैकल्पिक रास्ते खोजे गए थे, किसी न किसी कारणवश रुक गए हैं। 

कही जमीन मिली तो कही फंसी 

अमराई गांव व विभूति खंड उपकेंद्र के लिए जमीन अब तक नहीं मिल सकी है। लेसा द्वारा नगर निगम को भेजा गया प्रस्ताव महंगा पड़ रहा है। नगर निगम ने वाणिज्यक दर पर जमीन देने की बात कही थी। वहीं फैजाबाद राड स्थित पालीटेक्निक परिसर में जमीन देने पर प्रिसिंपल ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जबकि बांसमंडी में पुराने आरटीओ के पास उपकेंद्र बनना था, यहां बाउंड्रीवाल तो खड़ी हो गई, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका। 

अमराई गांव में उपकेंद्र प्रोजेक्ट सुस्त

अमराई गांव का उपकेंद्र पचास हजार से अधिक लोगों का बिजली संकट दूर करने वाला था। यहां 1500 वर्ग मीटर में नया बिजली घर बनाने के लिए कवायद शुरू हुई थी। इससे इंदिरा नगर के सेक्टर नौ, 10, 11, 13, 14, 16, 17 के अलावा तकरोही, हरिहर नगर, दीनदयाल पुरम और अमराई गांव की बिजली व्यवस्था सुधरने की उम्मीद जताई गई थी। अभी प्रोजेक्ट को अमली जामा  नहीं पहनाया जा सका है। 

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार 

ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता प्रदीप कक्कड़ ने बताया कि कई उपकेंद्रों पर काम चल रहा है, जो लंबित हैं, वहां अभी जमीन को लेकर पत्राचार संबंधित विभागों से चल रहा है, जमीन मिलते ही उपकेंद्र बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 


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