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UP News: बिजली चोरी के मामले में थानों को 24 घंटे में ही लिखनी होगी रिपोर्ट, नहीं तो अफसरों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई

UP Latest News बिजली कंपनियों को आदेश दिया गया है कि 24 घंटे के अंदर बिजली चोरी के मामले में एफआइआर दर्ज हो जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो जो भी अभियंता इसके लिए दोषी हो उन पर पर सख्त कार्रवाई की जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 12:51 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 12:51 AM (IST)
UP News: बिजली चोरी के मामले में थानों को 24 घंटे में ही लिखनी होगी रिपोर्ट, नहीं तो अफसरों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई
UP News: एफआइआर न दर्ज करने पर अब बिजली थाने के अफसरों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बिजली चोरी (power theft) से जुड़े मामलों में अब संबंधित अभियंताओं के साथ ही बिजली थानों के अफसरों को भी तत्काल कदम उठाने होंगे। ऐसे मामलों में यदि 24 घंटे में एफआइआर दर्ज न हुई तो अब बिजली थानों (Bijli thana) के अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। बिजली चोरी के मामलों का स्वतः संज्ञान लेते हुए विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में निर्णय सुनाया है।

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विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य वीके श्रीवास्तव व कौशल किशोर शर्मा ने बिजली कंपनियों को आदेश दिया है कि विद्युत अधिनियम-2003 के अनुसार 24 घंटे के अंदर विद्युत चोरी के मामले में एफआइआर दर्ज हो जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो जो भी अभियंता इसके लिए दोषी हो, उन पर पर सख्त कार्रवाई की जाए।

यह भी कहा है कि बिजली थानों में एफआइआर एप्लीकेशन समय से देने के बावजूद अफसर यदि एफआइआर दर्ज नहीं करते तो उन पर भी सख्ती की जाए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग के फैसले की सराहना की है।

कहा, बिजली अभियंता हो या पुलिस थानों के इंचार्ज सभी पर समान सख्ती होनी ही चाहिए। उपभोक्ता परिषद आयोग को एक प्रस्ताव भी देने जा रहा है जिसमें बिजली कंपनियों से यह मांग की जाएगी कि वे एक ऐसा ऐप बनाए जिसमें रेड टीम यदि कोई मोल-भाव करे तो उपभोक्ता तत्काल उस पर अपनी व्यथा को बता सकें।

पांच वर्षों में बिजली चोरी के 1,02,270 मामलों में समय से न दर्ज हुई एफआइआर : बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में जो हलफनामा सौंपा है, उसमें बताया गया कि पूरे प्रदेश में उल्लंघन के लिए 1882 अभियंता चिह्नित किए गए हैं और उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आयोग ने बिजली कंपनियों से पूछा कि पिछले पांच वर्षों में 322970 मामले विद्युत चोरी के सामने आए जिसमें से 220700 मामलों में 24 घंटे के अंदर एफआइआर दर्ज हुई, लेकिन 102270 मामलों में 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद एफआइआर दर्ज क्यों हुई।


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