डेढ़ साल के अंदर अब बिजली विभाग होगा हाईटेक, ठेकेदारों पर सख्ती
विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन में कर्मियों ने उठाई कई मांगे। जनता के बीच बिजली विभाग की छवि सुधारनी होगी।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश में बिजली विभाग डेढ़ साल में पूरी तरह से हाईटेक होगा। इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ-साथ टेक्नोलॉजी रिफार्म प्रोजेक्ट (टीआरपी) पर काम किया जा रहा है। गुरुवार को विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन उत्तर प्रदेश के 40वें महाधिवेशन में यह बातें प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने कहीं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि अभियंता व कर्मी नई टेक्नोलॉजी से प्रशिक्षित किए जाएंगे। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी को विभाग अपनाएगा, उसी अनुपात में यह काम भी किया जाएगा। आधुनिकीकरण से विभाग में पारदर्शिता आएगी। बताया कि कर्मचारियों की अधिकांश मांगे मान ली गई हैं, जो बची हैं उन पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय होगा। वहीं, उत्पादन निगम के एमडी ने बताया कि बिजली का उत्पादन बेहतर हुआ है अभी और बेहतर किए जाने की जरूरत है। महाधिवेशन में यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू, कार्यवाहक अध्यक्ष छोटे लाल दीक्षित, कमलकांत शर्मा, केंद्रीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी, मुख्य महामंत्री गोपाल कृष्ण गौतम मौजूद रहे।
ठेकेदार भेज जाएंगे जेल
निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एसपी पांडेय व मध्यांचल के निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एससी झा ने संयुक्त बयान में कहा कि संविदा कर्मियों का खाता बैंक में न खुलवाने वाले ठेकेदार अगर जल्द नहीं सुधरे और ईपीएफ में गोलमाल किया तो उन्हें जेल भेजा जाएगा।
यह है संगठन की मांगे
- छठे एवं सातवें वेतन की पुनरीक्षण की विसंगतियों को दूर किया जाए
- नए कर्मियों को पुराने कर्मियों की तरह समयबद्ध वेतनमान मिले
- 14 जनवरी 2000 के बाद निगम में भर्ती कर्मियों का जीपीएफ काटा जाए
- 2600 ग्रेड वेतन को 3000, 3000 ग्रेड वेतन को 4200 और 6600 ग्रेड वेतन हो।
- मृतक आश्रितों की नियुक्ति पूर्व की भांति उनकी योग्यता के आधार पर हो
- निगमों में स्थानांतरण विकल्प के आधार पर हो
- चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को कार्यालय सहायक तृतीय के पद पर कोटा 40 फीसद हो।